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लद्दाख में शहीद हुए भारतीय सेना के जवान देव बहादुर का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह सेना के वाहन से उनके पैत्रिक गाँव गोरीकला (किच्छा) पहुंच गया है। शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही शहीद के घर में कोहराम मच गया। शहीद को देखने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा।

शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव गौरीकला के प्राथमिक स्कूल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय और देव तुम अमर रहो के नारों के साथ शहीद वीर को श्रद्धांजलि दी। प्राथमिक स्कूल में राज्यपाल की ओर से पुष्पचक्र अर्पित किया गया।

जिसके बाद शहीद की अंतिम यात्रा शुरू हुई।  इस दौरान युवाओं ने बाइक रैली निकालकर ‘भारत माता की जय’ व ‘देव बहादुर अमर रहे देव बहादुर अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा देव बहादुर तेरा नाम रहेगा’ आदि नारे लगाए। शहीद देव बहादुर की अंत्येष्टि कनकपुर और राघवनगर के मध्य बने श्मशान घाट पर होगी।

बतादें कि बीते शनिवार 18 जुलाई की रात को लेह-लद्दाख बॉर्डर पर गश्त के दौरान जवान देव बहादुर का पैर जमीन पर बिछी डायनामाइट पर पड़ गया था। इस दौरान हुए धमाके में 24 वर्षीय देव बहादुर शहीद हो गए। शहीद जवान देव बहादुर की भर्ती 2016 में भारतीय सेना के 6/1 गोरखा रेजिमेंट के बैच में हुई थी।

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