Badrinath Dham doors closed for winter

Badrinath Dham doors closed for winter: उत्तराखंड के विश्वप्रसिद्ध तीर्थ स्थल बदरीनाथ धाम के कपाट आज दोपहर बाद 3 बजकर 35 पर विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया। गढ़वाल स्काउट के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच पांच हज़ार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। इस यात्रा वर्ष रिकॉर्ड सत्रह लाख  साठ हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किये। कई स्थानों पर तीर्थयात्रियों को भंडारे आयोजित किये गये थे।

इस साल चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई। देश और विदेश से तीर्थ यात्री दर्शन करने को उत्तराखंड पहुंचे। इस साल-2022 के यात्रा सीजन में पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 45 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्रियों ने चारों धामों में दर्शन किए। जिनमे से 17 लाख 60 हजार से अधिक तीर्थयात्री भगवान बदरीनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे. इससे पहले वर्ष 2018 में 10.58 लाख, जबकि वर्ष 2019 में 10.48 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि माणा गांव की महिला मंगल दल की महिलाओं की ओर से तैयार किए गए घृत कंबल (घी में भिगोया ऊन का कंबल) को भगवान बदरीनाथ को ओढ़ाया गया। इसके बाद अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। डा. हरीश गौड़ ने बताया कि शुक्रवार रात्रि तक 17,60,649 तीर्थयात्री भगवान बदरीविशाल के दर्शन को पहुंचे।

आज प्रात: तीन  बजे  मंदिर खुल गया प्रात: अभिषेक शुरू होते ही भगवान बदरीविशाल के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। राज भोग के पश्चात भी दर्शन होते रहे दिन के भोग के पश्चात, शायंकालीन आरती भी संपन्न हो गयी इसके बाद भगवान बदरीनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी‌। रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री भेष धारणकर मां लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया।

इससे पहले भगवान के सखा श्री उद्धव जी तथा देवताओं के खजांची श्री कुबेर जी सभा मंडप में आ गये थे तत्पश्चात  जन्मकुंडली वाचन के बाद भगवान बदरीविशाल को महिला मंडल माणा द्वारा बुनकर तैयार किया गया घृत कंबल पहनाया गया इसी के साथ भगवान बदरीविशाल के कपाट ठीक शाम 3 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो गये। 19 नवंबर शाम को श्री कुबेर जी बदरीनाथ धाम के निकट बामणी गांव रात्रि प्रवास हेतु प्रस्थान हो गये कल 20 नवंबर श्री कुबेर जी  बामणी गांव से पांडुकेश्वर हेतु प्रस्थान करेंगे।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं प्रेषित की कहा इस यात्रा वर्ष रिकार्ड संख्या में चारधाम पहुंचे तीर्थयात्री।

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित मंदिर समिति के सदस्य, जिला प्रशासन, पुलिस सेना के अधिकारी मौजूद रहे।