- सेक्टरों व गांवों में सीवर लाइनों को जोड़ने से मिली राहत
- सीईओ ने की समीक्षा, और सुधार लाने के दिए निर्देश
ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में सीवर लाइनों को जोड़ने की मुहिम रंग लाई है। बीते दो साल में सीवरेज निकासी पर खूब काम हुए हैं, जिससे सीवर की षिकायतें लगभग 80 फीसदी कम हो गई हैं। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने शेष 20 फीसदी शिकायतें भी शीघ्र दूर कर लेने के निर्देश दिए हैं।
साप्ताहिक समीक्षा बैठक के दौरान सीवर विभाग की तरफ से प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार मई 2020 में सीवर से जुड़ी 270 शिकायतें थीं, सीवर लाइनों पर लगे प्लगों को तोड़ने और लाइनों को जोड़ने से शिकायतों की संख्या उसी साल जुलाई में घटकर 180 रह गई। मई 2021 में यह संख्या और भी कम हो गई और उस माह सिर्फ 75 शिकायतें रह गईं। जनवरी 2022 में यह संख्या 50 हो गई। अब प्राधिकरण इन शिकायतों को शून्य करना चाह रहा है।
प्राधिकरण ने दो साल से भी कम समय में यह उपलब्धि करने के लिए प्रमुख रूप से दो स्तर पर काम किया है। पहला, जहां पर लाइनें डली हुईं थीं उनके प्लगों को तोड़कर लाइनें चालू की गईं। दूसरे, जो लाइनें आपस में नहीं जुड़ी थीं उनको जोड़ा गया। अगर किसी लाइन में 100-50 मीटर का गैप मिला तो वहां पर लाइन डालकर जोड़ दिया, जिससे गांवों व सेक्टरों के घरों का सीवर आसानी से एसटीपी तक पहुंच जाती है और वह शोधित करके सिंचाई के कामों में ले लिया जाता है। इससे भूजल की भी बचत होती है।
सीईओ नरेंद्र भूषण ने इस उपलब्धि के लिए सीवर विभाग की टीम की सराहना की है।
शिकायतों पर माहवार एक नजर
माह | शिकायतें |
मई 2020 | 270 |
जुलाई 2020 | 180 |
सितंबर 2020 | 160 |
नवंबर 2020 | 150 |
जनवरी 2021 | 135 |
मार्च 2021 | 125 |
मई 2021 | 75 |
जुलाई 2021 | 70 |
सितंबर 2021 | 60 |
नवंबर 2021 | 50 |
जनवरी 2022 | 50 |
सिंचाई व निर्माण कार्यों में उपयोग हो रहा शोधित पानी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से चार एसटीपी बनाए गए हैं। सबसे बड़ा एसटीपी कासना में है। इसकी क्षमता 137 एमएलडी है। मौजूदा समय में इस एसटीपी से रोजाना करीब 90 एमएलडी सीवर शोधित हो रहा है। इकोटेक दो स्थित एसटीपी से करीब 5 एमएलडी सीवर रोजाना शोधित हो रहा है। इसकी क्षमता 15 एमएलडी रोजाना शोधित करने की है।
ईकोटेक तीन स्थित एसटीपी की क्षमता 20 एमएलडी की है। इस एसटीपी से मौजूदा समय में रोजाना करीब 12 एमएलडी शोधित हो रहा है। बादलपुर स्थित एसटीपी से 2 एमएलडी सीवर शोधित हो रहा है। इसकी क्षमता भी दो एमएलडी ही है। इन एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल सिंचाई व निर्माण आदि कार्यों के लिए किया जा रहा है।