उत्तराखंड कांग्रेस

उत्तराखंड कांग्रेस खेमे में इन दिनों जबरदस्त उथल पुथल का माहौल है। जिसमें पार्टी के नेताओं में नाराजगी, गुटबाजी और पाला बदलने की आहट सुनाई दे रही हैं। कुमाऊं और गढ़वाल पर भी कांग्रेस दो गुटों में बंट गई है। पिछले दिनों देवभूमि में हाईकमान ने नए प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के बाद राज्य कांग्रेस में अंदरूनी कलह शुरू हुई । राजधानी देहरादून में सियासी गलियारों में कई प्रकार की चर्चाओं का दौर जारी है। राज्य कांग्रेस के संगठन में हुए बदलाव से आठ विधायक ज्यादा ही नाराज बताए जा रहे हैं।

पिथौरागढ़ के कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने तो पार्टी के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इनके अलावा मनोज तिवारी, मदन बिष्ट, मयूख महर, खुशाल सिंह, ममता राकेश, विक्रम नेगी, राजेंद्र भंडारी समेत कुछ और नेता इस कदम से नाराज बताए जा रहै हैं। यह भी अटकलें हैं कि यह सभी जल्द कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। ऐसे ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी फिलहाल मौन है। लेकिन प्रीतम सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हुई मुलाकात के बाद चर्चाओं का दौर अभी भी जारी है। ‌राज्य में कांग्रेस की कलह के बीच नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए करण महारा ने आज कहा कि मैं 17 अप्रैल को कार्यभार संभालूंगा।

कांग्रेसी नेताओं की नाराजगी के बीच करण महारा ने कहा कि मैंने सभी से बात की है, किसी को कोई भी परेशानी नहीं है। जब भी पार्टी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाता है तो प्रतिक्रियाएं आती हैं। ऐसे में यह एक अस्थायी प्रतिक्रियाएं होती हैं। हम पार्टी के लिए पांच साल में चीजों को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे। कांग्रेस विधायक हरीश धामी के सीट छोड़ने पर करण महारा ने कहा कि फिलहाल इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक है। बता दें कि पार्टी आलाकमान ने हाल ही में करण महारा को कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष, यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष वहीं भुवनचंद कापड़ी को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया है। ये तीनों नेता कुमांऊ से आते हैं, इसलिए गढ़वाल से कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा खेमा नाराज चल रहा है।