उत्तराखंड बिजली पानी संकट

कई दिनों से उत्तराखंड बिजली और पानी के संकट से जबरदस्त जूझ रहा है। लोगों की दिनचर्या पर असर पड़ रहा है। जिससे लोगों में नाराजगी भी बढ़ती जा रही है। राज्य के कई जिलों में बिजली की घंटों कटौती की जा रही है। ‌ऐसे ही लोगों को पानी के लिए लाइन लगानी पड़ रही है। गर्मियों में बिजली, पानी की डिमांड बढ़ जाती है। लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही समस्या बन गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। क्योंकि यहां बिजली की कटौती ज्यादा हो रही है।

बता दें कि राज्य में गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ कई क्षेत्रों में जल संकट की स्थिति गहराती जा रही है। जहां एक तरफ नलों में पानी सूख गया है तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को पानी के लिए लाइनों में खड़े होना पड़ रहा है। वैसे तो राज्य में हर साल गर्मियों में जल संकट गहरा जाता है। पहाड़ी इलाकों में तो पानी के लिए लोगों को कई किलोमीटर चलना पड़ता है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जल संकट को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ देहरादून में समीक्षा बैठक की। इस दौरान सीएम ने कहा कि इस समय टैंकरों से जल की व्यवस्था हो, पेयजल लाइनों के माध्यम से आपूर्ति हो।

मुख्यमंत्री ने साथ ही जल जीवन मिशन का काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे ही रुड़की के देहात क्षेत्रों में सात और शहर में पांच घंटे की बिजली कटौती ने लोगों को परेशान कर रखा है। इसके अलावा कई जिलो और ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली की धुआंधार कटौती हो रही है। अब राज्य में बिजली के बढ़ते संकट को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने आक्रामक तेवर अपनाए हैं । शुक्रवार को देहरादून में मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।

‌उन्‍होंने अस्थाई व्यवस्था और बिजली संकट पर विभाग के बैकअप प्लान को लेकर नाराजगी जताई। अधिकारियों को 24 घंटे के अंदर समाधान के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में बिजली और पानी संकट का जल्द ही समाधान कर लिया जाएगा। मुख्य सचिव सुखविंदर सिंह संधू ने भी विद्युत अधिकारियों को बिजली व्यवस्था सुचारू करने के कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि कोयले के दाम बढ़ने की वजह से भी देश में बिजली की समस्या आ रही है।‌