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देहरादून: नया साल उत्तराखंड के 16608 विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। नए साल के पहले ही हफ्ते में विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को दो वर्षीय ब्रिज कोर्स करने की अनिवार्यता से राहत मिल गई है। गुरुवार को राज्यसभा ने पुराने विशिष्ट बीसीटी कोर्स को मान्यता देने वाले बिल को मंजूरी दे दी। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस मामले में स्पष्ट आदेश जारी किए थे कि जो विशिष्ट बीटीसी शिक्षक 31 मार्च 2019 से पहले दो वर्षीय ब्रिज कोर्स नहीं करेंगे उन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2001 से 2016 के बीच शिक्षा विभाग ने राज्य के 16608 शिक्षकों को डायट से विशिष्ट बीटीसी का कोर्स करवाया था। कोर्स पूरा करने के बाद इन शिक्षकों को डायट से बाकायदा विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र भी दिया गया था। और इसी आधार पर सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षक के पदों पर नियुक्ति भी दी गई। परन्तु ढाई वर्ष पहले एनसीटीई ने इन शिक्षकों के विशिष्ट बीटीसी कोर्स को मान्यता देने से इनकार कर दिया था।

इसी को लेकर बीते 14 नवंबर को उत्तराखंड के प्राथमिक शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के नेतृत्व में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर से मुलाकात कर इस नियम को बदलने तथा पुराने विशिष्ट बीसीटी कोर्स की मान्यता बरक़रार रखने का अनुरोध किया था। मानव संसाधन विकास मंत्री जावडे़कर ने शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में बिल लाने का आश्वासन देते हुए कहा था कि क्योंकि उत्तराखंड के इन शिक्षकों ने बीटीसी का छह माह का पाठ्यक्रम उत्तीर्ण किया है, अतः उनके अधिकारों और सेवा शर्तों के साथ न्याय अवश्य होगा। और गुरुवार को राज्यसभा ने पुराने विशिष्ट बीसीटी कोर्स को मान्यता देने वाले बिल को मंजूरी दे दी।

इस बिल के पास होने से उत्तखंड के 16608 विशिष्ठ बीटीसी शिक्षकों को राहत मिल गई है। उत्तराखंड के प्राथमिक शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने इसके लिए राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी तथा मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर का धन्यवाद किया है।

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