नई दिल्ली: चुनाव प्रचार के दौरान एक दूसरे को नीचा दिखाने या फिर वोटरों के धुर्वीकरण के चक्कर में कुछ नेताओं की जुबान इस कदर फिसल रही है कि उन्हें खुद समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या बोल रहे है। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने वाले 4 बड़े नेताओं पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 से 3 दिन के लिए बैन कर दिया है। सोमवार को चुनाव आयोग ने पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायवती को आचार संहिता के उलंघन का दोषी मानते हुए इनके चुनाव प्रचार पर क्रमशः 72 घंटे (3 दिन) और 48 घंटे (2 दिन) के लिए रोक लगा दी थी। इसके कुछ देर बाद 2 और बड़े नेताओं सपा के आजम खान और केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी को भी आचार संहिता के उलंघन का दोषी मानते हुए क्रमशः 72 घंटे (3 दिन) और 48 घंटे (2 दिन) के लिए चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया है। इन दोनों नेताओं पर यह प्रतिबंध 16 अप्रैल सुबह 10 बजे से लागू होगा।
आजम खान और मेनका गांधी के विवादित बयान
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर लोकसभा सीट से सपा के उम्मीदवार आजम खान ने बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा पर अश्लील टिप्पणी की थी। आजम ने चुनावी सभा में जयाप्रदा का नाम लिए बिना कहा कि ”रामपुर वालों, उत्तर प्रदेश वालों, हिन्दुस्तान वालों, उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लग गये परन्तु मैं 17 दिनों में पहचान गया कि इनके नीचे का जो अंडरवियर है वह खाकी रंग का है। आजम के इस अश्लील बयान की देशभर में चारों तरफ घोर निंदा हो रही है। महिला आयोग ने इस पर आपत्ति जताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
वहीँ सुलतानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने प्रचार के दौरान मुसलमानों से कहा था, ‘चुनाव तो मैं जीत रही हूं, आप भी वोट दे देना वरना फिर काम कराने आओगे तब देखना।’ चुनाव आयोग ने मेनका गांधी के इस बयान को अचार संहिता का उलंघन मानते हुए इन्हें भी कुछ समय के लिए चुनाव प्रचार से बाहर कर दिया है।
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