hurriyat leader security withdrawn

नई दिल्ली: पुलवामा अटैक के बाद केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए जम्मू- कश्मीर के लगभग सभी बड़े अलगाववादी नेताओं को दी जा रही सुरक्षा वापस ले ली है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार बुधवार को जम्मू- कश्मीर के 18 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई है। जिनमे  प्रमुख रूप से हुर्रियत (जी) प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी और जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक शामिल हैं। चार दिन पहले सरकार ने चार हुर्रियत नेताओं मीरवाइज उमर फारूक, अब्दुल गनी बट्ट, बिलाल लोन, शब्बीर शाह की सुरक्षा वापस ली थी। कुला मिलाकर पिछले चार दिनों में सरकार जम्मू-कश्मीर के 22 बड़े अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ले चुकी है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के 155 राजनीतिक व्यक्तियों की भी सुरक्षा में बदलाव किया गया है।

14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे। जिसके लेकर पूरा देश गुस्से की आग में जल रहा है। इसी को देखते हुए सरकार में आतंकियों से हमदर्दी रखने वाले 22 अलगाववादी नेताओं को दी जा रही सुरक्षा वापस लेने का निर्णय लिया है। बतादें कि इन नेताओं की सुरक्षा में हर माह करोड़ों रूपये खर्च हो रहे थे। सरकार के इस फैसले का देशभर में स्वागत किया जा रहा है।

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