मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, लोक परंपराओं और लोक गीतों को एक मंच पर लाकर सम्मानित करना निश्चित तौर पर हम सब के गर्व की बात है। सही मायने में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत है मुंबई कौथिग। उक्त विचार समाजसेवी माता मंगला जी ने मुंबई कौथिग के 12वें संस्करण में हजारों की संख्या में पहुंचे लोक संस्कृति प्रेमियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
मुंबई कौथिग के अंतिम दिन मुंबई पहुंचे माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी का देश भर में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे विज्ञानियों ने सम्मान किया और मुंबई कौथिग फाउंडेश की टीम ने माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी का पुष्प गुच्छ भेंट कर अभिवादन किया। कौथिग प्रागंण में मौजूद हजारों लोगों को संबोधित करते हुए माता मंगला जी ने कहा कि हम सब एक साथ मिलकर अपने लोक परिवेश के काम करेंगे तो यकीनन हमारी लोक संस्कृति एवं लोक परंपराओं का दुनिया भर विस्तार होगा।
हंस फाउंडेशन की सेवाओं के बारे में बताते हुए माताश्री मंगला जी ने कहा कि हम देश के 28 राज्यों में स्वास्थ्य-शिक्षा से लेकर तमाम दूसरे क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। हमारे उद्देश्य देश के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास की लो पहुंचाना है। हम हंस फाउंडेशन के तत्वावधान में निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि जिन लोग वास्तव में सेवाओं की आवश्यकता है। हम हमेशा उनके साथ खड़े हैं।
माताश्री मंगला जी कहा कि आज हमारे बहुत सारे बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इन बच्चों की शिक्षा पूरी हो यह बच्चे अपने जीवन उत्थान के लिए आगे बढ़े इसके लिए हम प्रयासरत है। पलायन,शुद्ध जल और रोजगार प्रदान करने की दिशा में हम निरंतर प्रयासरत है। मुंबई कौथिग में पहुंचे हजारों लोगों से अपील करते हुए माताश्री मंगला जी ने कहा कि हम आप सब से आग्रह करना चाहेंगे कि आप उन लोगों और उन सेवाओं को हम तक पहुंए जिससे भारत का विकास हो उत्तराखंड का विकास हो, हम इन सेवाओं के लिए हमेशा आपके साथ खड़े हैं।
मुंबई में कौथिग का आयोजन करने के लिए मुंबई कौथिग फाउंडेशन को बधाई देते हुए माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी ने कहा कि इतने विशाल लोक उत्सव के आयोजन के लिए पूरी कोशिश टीम को बहुत-बहुत बधाई। कौथिग फाउंडेशन के संस्थापक, अध्यक्ष को हम बधाई देते हैं आपने उत्तराखंड लोक संस्कृति के उतस्व को मुंबई जैसे शहर में जीवंत कर दिया। हम केसर सिंह बिष्ट जी को खास तौर पर बधाई देना चाहेंगे कि उन्होंने अपनी लोक सांस्कृतिक विरासत को इतने बड़े कैनवास पर उकेर। हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि आपके माध्यम से हमें सेवा का जो भी कार्य मिलेगा हम उसे निश्चित तौर पर धरातल पर उतारेगे। मुंबई कौथिग के अंतिम दिन उत्तराखंड के लोक कलाकार नेहा खंखरियाल, किशन महिपाल, प्रकाश रावत और हेमा नेगी करासी रंगारंग प्रस्तुति दी जिस पर लोग जमकर झूमे।
जगमोहन आज़ाद
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