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नई दिल्ली: पुलवामा में आतंकी हमले में CRPF के एक जवान के साथ “जाको राखे साइयां मार सके न कोय वाली कहावत चरित्रार्थ हुई। जवान के मोबाइल पर आये एक मेसेज की वजह से उसकी जान बच गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के अहमदनगर के थाका बेलकर भी CRPF की उसी बटालियन में थे जिस पर 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकियों ने हमला किया। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। लेकिन गाड़ी पर बैठने के बाद उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसे पढ़कर वह गाड़ी से उतर गया।

हमले के दिन थाका बेलकर के घर में उनकी शादी की तैयारियां चल रही थी, लेकिन उन्हें शादी के लिए हेडक्वार्टर से छुट्टी नहीं मिली और उनको भी उसी वक्त बटालियन के साथ कश्मीर जाने को कहा गया। इस आदेश के बाद थाका बेलकर अपने साथियों के साथ कश्मीर जाने की तैयारी में जुट गए। वह अपने साथी जवानों के साथ बस में बैठ चुके थे कि तभी उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि आपकी छुट्टी मंजूर कर ली गई है, मैसेज पढ़ते ही बेलकर ख़ुशी-ख़ुशी गाड़ी से उतरकर अपने कैंप में वापस आ गए और अपने गांव के लिए निकल पडे। लेकिन रास्ते में कुछ ही घंटे बाद उन्हें पता चला कि जिस गाड़ी से वह अपनी बटालियन के साथ कश्मीर के लिए निकलने वाले थे उसी गाड़ी पर आतंकी हमला हो गया और इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए। इस तरह एक मेसेज से उनकी जान बच गई। परन्तु उन्हें अपने 40 साथियों की मौत का गहरा सदमा है। बेलकर के परिवार को भी इस घटना से सदमा पहुंचा है। शादी का जश्न मातम में बदल गया।

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