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मुंडनेश्वर : पौड़ी गढ़वाल के कल्जीखाल ब्लॉक के अन्तर्गत अस्वालसयू पट्टी में आयोजित दो दिवसीय पौराणिक खैरालिंग मुंडनेश्वर महादेव मेले में दूसरे दिन हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी। मेले के आखिरी दिन आज सुबह से ही श्रद्धालुओं ने लम्बी लाइन में खडे होकर भगवान मुंडनेश्वर महादेव के दर्शन किए और उसके बाद माँ काली के मन्दिर में आकर भेंट लागई।

बतादें कि खैरालिंग मुंडनेश्वर महादेव मेले में पहले पशुबलि दी जाती थी. एक दशक पहले यह मेला पशुबलि के लिए प्रसिद्व था जिसमें नर भैसों एवं बकरों की बलि दी जाती थी। जो कि अब पूर्णतः प्रतिबंधित है। अब यहां पर सात्विक पूजा की जाती है। बावजूद इसके इस वर्ष मेले में जबरदस्त भीड़ रही। स्थानीय लोगो के साथ-साथ मेले में हजारों की संख्या में प्रवासी श्रद्धालु भी पहुचे हुए थे।khairaling-mahadev

मेले में श्रद्धालु पानी की कमी से परेशान दिखे। मेले में पानी की व्यवस्था न होने के कारण श्रद्धालुओं को पानी के लिए भटकना पढ़ा। प्रतिवर्ष जलसंस्थान की ओर से मेले की व्यस्था के लिए पानी का टैंकर उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन इस साल टैंकर उपलब्ध न होने के कारण श्रद्धालुओं को पानी के संकट से परेशान होना पड़ा। मन्दिर समिति के अध्यक्ष बलवन्त सिंह नेगी के कहा कि मेले में जल संस्थान पौडी द्वारा लगे नल में पानी नहीं आया और समिति के द्वारा जलसंस्थान पौडी को दो दिन के लिए पानी के टैंकर के लिए कहा था लेकिन फिर भी विभाग द्वारा लापरवाही दिखाई व टैंकर उपलब्ध नही कराया गया।

मेले के दौरान तहसीलदार हरिमोहन खण्डूड़ी के नेतृत्व में रेगुलर एवं राजस्व पुलिस बल मेला परिसर में एवं मुख्य द्वार पर शांति व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था बनाने में मुस्तैद रही। मेले की व्यवस्था में राजस्व निरीक्षक अगरोडा जीतेंद्र नेगी, राजस्व निरीक्षक मुंडेश्वर हरिश्चंद्र पाण्डे, मंदिर समिति के बलवंत सिंह नेगी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य त्रिभुवन उनियाल, मेला समिति के मीडिया प्रभारी मनीष खुगशल, पुजारी विनोद भारद्वाज, राजेन्द्र भट्ट, गणेश खुगशाल गणि आदि मौजूद रहे।

खैरालिंग मुंडनेश्वर से देवभूमि संवाद के लिए मनीष खुगशाल एवं जगमोहन डांगी की रिपोर्ट

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