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नैनीताल: श्रीनगर गढ़वाल स्थित एनआईटी को राजस्थान के जयपुर में शिफ्ट करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका के संबंध में दिए आदेश का अनुपालन नहीं करने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को जारी नोटिस में कहा है कि क्यों ने आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाये। कोर्ट में मुख्य सचिव को 15 मई तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिया हैं।

उल्लेखनीय है कि श्रीनगर स्थित एनआईटी शिफ्टिंग मामले में कोर्ट के आदेश पर सोमवार को एनआईटी के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए आज कोर्ट ने पूर्व में दिए गए आदेश का अनुपालन नहीं करने पर मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है।

उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित एनआईटी को राजस्थान के जयपुर में शिफ्ट करने के खिलाफ एनआईटी के पूर्व छात्र जसवीर सिंह द्वारा पूर्व में दायर जनहित याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने कहा था कि यह मामला राजनीति और नौकरशाही के हाथों की कठपुतली बन गया है। खंडपीठ ने पूरे राज्य के भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील होने के मद्देनजर सरकार से कई सवाल किए थे। खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए 27 मार्च 2019 को पहाड़ अथवा मैदान में एनआईटी कैंपस के लिए चार स्थान चिन्हित कर 24 अप्रैल तक न्यायालय को बताने को कहा था। परन्तु राज्य सरकार की ओर से तय सीमा तक कोई भी जगह चिन्हित कर न्यायालय के सामने नहीं रखी गई। जिसके बाद बीते 25 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार की उदासीनता के चलते इतने महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित संस्थान को उत्तराखंड से बाहर ले जाया जा सकता है। कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के खिलाफ अवमामना की याचिका दायर करने को कहा था।

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