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ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेस वे पर आये दिन होने वाले सड़क हादसों को रोकने को लिए आईआईटी दिल्ली की एक टीम ने रोड सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ को सौंप दी है। रिपोर्ट मिलने के बाद प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह, जेपी ग्रुप के चेयरमैन मनोज गौड़ व अन्य अधिकारियों ने सुझावों को लागू करने पर चर्चा की। जेपी ग्रुप ने आश्वासन दिया है कि छह माह के अंदर ऑडिट रिपोर्ट में दिये गये सुझावों को लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा पूरे यमुना एक्सप्रेस वे पर अब सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। अभी तक कुछ ही स्थानों पर कैमरे लगे हैं। साथ ही डिजास्टर हाईवे पुलिस भी तैनात करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। हाईवे पुलिस सिर्फ एक्सप्रेस वे की ही सुरक्षा, ओवर स्पीड वाहन चालको का चालान काटना तथा ट्रेफिक नियमों का पालन कराना होगा। यही नहीं ऑडिट रिपोर्ट में सेंट्रल वर्ज को भी समाप्त करने का सुझाव दिया गया है।

यमुना एक्सप्रेस वे पर पिछले तीन महीनों में अलग-अलग हादसों में 53 लोगों की मौत चुकी हैं। गत 29 मार्च को तो बस व ट्रक की टक्कर में आठ लोगों की मौत हुई थी। बतादें कि यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा के इंतजाम को लेकर कई माह पूर्व यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण ने आईआईटी दिल्ली से रोड सेफ्टी ऑडिट कराने को एमओयू किया था। आईआईटी की टीम ने यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट से लेकर आगरा तक 165 किलोमीटर का बारीकी से निरीक्षण किया। उसके बाद अपनी रिपोर्ट प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह को सौंप दी। रिपोर्ट मिलने के बाद प्राधिकरण व जेपी ग्रुप के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। ऑडिट रिपोर्ट में सात बिंदुओं पर ज्यादा जोर दिया गया है। जिसमें ओवरस्पीड,  दिशा सूचक साइन बोर्ड,  स्पीड ब्रेकर तथा सेंट्रल वर्ज हटाने की संस्तुति की है।

बाद में सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने ऑडिट रिपोर्ट में पूरे एक्सप्रेस वे पर सीसीटीवी कैमरे, डिजास्टर हाईवे पुलिस तैनात करने तथा एक्सप्रेस पर लाइट लगाना भी शामिल करा दिया है। जेपी ग्रुप कुछ संस्तुतियों पर काम करने को तैयार हो गया है।