श्रीनगर गढ़वाल: श्रीनगर क्षेत्र में भीख मांगने वाले व खानाबदोशी का जीवन यापन करने वाले बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने व उनमे शिक्षा की अलख जागाने की मुहिम में जुटी शिक्षिका संगीता फरासी ने इस बार इन बच्चों को लेकर एक और अनोखी पहल की है। जिसके बाद ये बच्चे भी इस बार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्रीनगर के ऐतिहासिक गोला पार्क से गुजरने वाली परेड में अन्य स्कूली छात्रों के साथ कदमताल करते हुए नजर आयेंगे।
शिक्षिका संगीता फरासी ने बताया कि इन खानाबदोश बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए यह पहल की गयी है। मेरा सपना था कि काश मेरे ये धुमन्तु बच्चे भी 15 अगस्त की परेड का हिस्सा बन जाते तो कितना अच्छा होता। इस सपने को पूरा करने के लिए मैने नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती पूनम तिवारी से मुलाकात की और उन्हें इस बारे में बताया। उन्होंने मेरा प्रस्ताव सहर्ष स्वीकार कर लिया और इसके लिए अनुमति देते हुए हर तरह की मदद का आश्वाशन दिया।
शिक्षिका संगीता फरासी की इस अच्छी पहल से इन बच्चों में गजब का उत्साह और कुछ कर दिखाने का जज्बा देखते ही बनता है। संगीता बताती हैं कि जब से मैंने इन बच्चों को बताया कि उन्हें 15 अगस्त को श्रीनगर के ऐतिहासिक गोला पार्क पर सलामी मंच के सामने से गुजरने वाली परेड में भाग लेना है, इन बच्चों के अंदर कुछ कर गुजरने की लालसा पैदा हो गयी है। समय पर तैयारी के लिए आ जाना और फिर पूरी मेहनत से तैयारी करना। दिल लगाकर हर बात को समझना और फिर उसे करने की कोशिश करना काबिले तारीफ है। आजकल ये बच्चे मार्च पास्ट की तयारी में जुटे हैं।
बतादें कि शिक्षिका संगीता फरासी ने श्रीनगर क्षेत्र में सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चों को भीख की जगह अक्षर ज्ञान देकर उनकी किस्मत की रेखा ही बदल दी है और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाकर इज्जत की जिंदगी जीने का अवसर प्रदान किया है। यही नहीं संगीता फरासी ने मलिन बस्ती के इन बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ स्वरोजगार की दीक्षा देकर स्वावलंबी बनाने का भी काम किया है।
देवभूमि संवाद के लिए द्वारका चमोली
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