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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में आयोजित रक्षाबन्धन समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने मुख्यमंत्री की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन का त्योहार भावनाओं व पवित्रता का त्योहार है। उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि इस वर्ष रक्षा बन्धन का पावन पर्व व भारत का स्वतंत्रता दिवस एक ही दिन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण से ही देश मजबूत हो सकता है। इस दिशा में अनेक प्रयास हुए हैं, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी समृद्ध, सांस्कृतिक परम्पराओं से जुडे़ इस पर्व का ऐतिहासिक महत्व भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति हमारा प्रयास निरन्तर जारी है। महिलाओं को सशक्त किए बिना हम एक समृद्ध उत्तराखण्ड की कल्पना पूरी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुविधा के लिये रक्षाबंधन के अवसर पर उन्हें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा करने की भी सुविधा प्रदान की गई है। इस अवसर पर विधायक गणेश जोशी, मेयर सुनील उनियाल गामा, भाजपा के महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेन्द्र पंवार, श्रीमती बृजेश गुप्ता, साधवी प्राची व बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।

इससे पूर्व प्रजापिता ईश्वरी विश्व विद्यालय ब्र्रह्मा कुमारीज की वरिष्ठ राजयोगिनी बीके ऊषा दीदी ने मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा। उन्होंने कहा कि आगामी 06 अक्टूबर को देहरादून में व्यसन से मुक्ति के लिए प्रजापिता ईश्वरी विश्व विद्यालय ब्र्रह्मा कुमारीज द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को निमंत्रण दिया है। इस अवसर पर प्रजापिता ईश्वरी विश्व विद्यालय ब्र्रह्मा कुमारीज से बी.के नीलम, बी.के सोनिया, सुशील कुमार, रमेश कपूर, राजकुमार जोशी, गौरव कपूर आदि उपस्थित थे।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने भानियावाला स्थित वैडिंग प्वाइंट में आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं ने मुख्यमंत्री की कलाई में राखी बांधी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब महिलाएं सामाजिक व आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, तब ही देश तेजी से उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा। आज हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है। केन्द्र व राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण की दिशा में हर संभव प्रयास कर रहे हैं। पिछले दो सालों में उत्तराखण्ड में प्रति हजार बालकों पर बेटियों की संख्या 908 से बढ़कर 938 हो गई है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार अनेक प्रयास कर रही है। राज्य सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के 05 लाख रूपये तक का ऋण दे रही है। महिला उद्यमियों के लिए बिना ब्याज के व्यक्तिगत रूप से एक लाख रूपये तक का लोन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत धात्री महिलाओं को 06 हजार रूपये का पोषण भत्ता दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की संसद ने तीन तलाक बिल को पास कर हमारी मुस्लिम बहनों को न्याय दिलाया है। सामाजिक विषमता को समाप्त कर उन्हें अपनी लड़ाई लड़ने के लिए सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर कश्मीर के लोगों को समाज व देश की मुख्य धारा से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 साल बाद वास्तव में अब देश एक हुआ है। अब कश्मीर के लाल चौक पर भारतीय झण्डा फहराया जायेगा। अब देश में एक निशान एक विधान लागू होगा।