हल्द्वानी: उत्तराखण्ड में हो रही लगातार बारिश और बादल फटने के चलते राजधानी देहरादून के अलावा कई अन्य पहाड़ी इलाकों में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ज्ञात हो कि बुधवार तड़के हुई भयंकर बरसात से अकेले देहरादून में सात लोगों की मौत हो गई थी। और अब मौसम विभाग ने कुमाऊं रीजन में आज और कल भारी बारिश, बादल फटने या बज्रपात होने की आंशका जताई है। जिसके चलते प्रशासन ने कुमाऊं क्षेत्र के कई इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया है। जिलाधिकारी नैनीताल ने बृहस्पतिवार को एक दिन के लिए स्कूल कालेज बंद कर दिए हैं। जबकि चंपावत में 13 जुलाई को अतिरिक्त सतर्कता के निर्देश दिए हैं। पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं अल्मोड़ा में दोनों दिन तक सतर्कता के निर्देश दिए हैं। अल्मोड़ा जिलाधिकारी ने आपदा राहत टीम को चौबीस घंटे सजग रहने को कहा है।
भारी बारिश के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा भी प्रभावित हुई है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के आठवें दल को अल्मोड़ा में रोका गया है। जबकि सातवें दल को पिथौरागढ़ व छठे दल को गुंजी में रोका गया है। इधर, गढ़वाल मंडल में भी बारिश का असर बना रहा। बारिश के चलते चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन होने से यातायात अवरुद्ध रहा। पैदल मार्ग भी कुछ देर लिनचौली में बंद रहा।
बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर भी कुछ जगह सड़क पर मलबा गिरा है। इधर, उत्तरकाशी, टिहरी व पौड़ी में भी बारिश का असर बना रहा। अगले दो दिन तीन भी मौसम के तेवर बिगड़े रहेंगे। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले 48 घंटों में प्रदेश में अनेक स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। बारिश संभावित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
देहरादून में भारी बारिश से सात मरे, मरने वालों में 2 मासूम बच्चे भी
देहरादून: उत्तराखण्ड में मानसून कुछ ज्यादा ही असर दिखा रहा है। आज भी देहरादूँ मे बादल फटने की सूचना मिली है। इसके आलावा बुधवार तड़के हुई भारी बारिश से पहाड़ व मैदान में कई जगह जानमाल को नुकसान हुआ है। देहरादून में बारिश का सबसे ज्यादा असर हुआ है। बुधवार तड़के हुई भयंकर बरसात से अकेले देहरादून में सात लोगों की मौत हो गई है। इनमें शास्त्रीनगर इलाके में तेज बारिश के चलते मकान ढहने से परिवार के चार लोगों की मौत हुई है।
जबकि तीन लोग रिस्पना व शीतला नदी के तेज बहाव में बह गये हैं। मलबें में दबकर मरने वालों में दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। कई दोपहिया व चौपहिया वाहनों के साथ मवेशी भी रिस्पना व बिंदाल नदी के तेज बहाव में बह गये हैं। जबकि प्रेमनगर के कोटला संतूर में नदी के तेज बहाव में मजदूरों की चार झोपड़ियां बह गई हैं।
मृतकों में संतोष साहनी (35) पुत्र रामचंद्र साहनी निवासी शास्त्रीनगर खाला, सुलेखा देवी(30) पत्नी संतोष साहनी, धीरज कुमार (5) पुत्र संतोष साहनी और नीरज कुमार (3) पुत्र संतोष साहनी शामिल है। मृतक परिवार मूल रुप से तारसराय गुड़िया दरभंगा बिहार का रहने वाला था। इस घटना में दो अन्य लोग घायल हो गए हैं। जिन्हें उपचार के लिए दून अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।