gityer-2019

नई दिल्ली :  उत्तराखंड के दूरस्त पहाड़ी क्षेत्रों में छिपी प्रतिभाओं को एक मंच के माध्यम से आगे लाने के संकल्प के साथ बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था ने प्रत्येक वर्ष गित्येर कार्यक्रम करने का जो निर्णय लिया था उस पर वे खरे उतरे हैं।

बद्री केदार संस्था के अध्यक्ष राजपाल सिंह पंवार ने बताया कि पिछले वर्ष के गित्येर-2018 कार्यक्रम की अभूतपूर्व सफलता के बाद संस्था के पदाधिकारियों की मेहनत व ईमानदारी से बच्चों के लिए कार्य करने की चर्चा दिल्ली एनसीआर से लेकर पूरे उत्तराखंड में है। जिसके बाद अब गित्येर एक ब्रांड बनने की ओर अग्रसर है। ग्रामीण आँचल से निकलकर पिछले वर्ष दिल्ली में गित्येर प्रतियोगिता के विजेता बने पहाड़ की बाल प्रतिभाओं के अपने यूट्यूब चेन्नल चल रहे हैं और उन्हें नईं एल्बम के अवसर भी मिल रहे हैं।

संस्था अपनी इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष फिर से 15 दिसंबर रविवार को गित्येर 2019 कराने जा रही है। इसके लिए उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से कुल 55 वीडियो प्राप्त हुए। जिस पर संस्था द्वारा निर्धारित निर्णायक मंडल ने सभी वीडियोज को बारीकी से परखकर उनमें से सबसे बेहतरीन 10 बच्चों का गित्येर-2019 के लिए चयन किया। जो 15 दिसंबर को दिल्ली के गढ़वाल भवन में अपने हुनर का जलवा दिखाएंगे।

बाल प्रतिभाओं के बीच होने वाली इस गायन प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल के सदस्य गुणी व लोक गायिकी में अपना एक मुकाम रखते हैं। जिनमे स्वर कोकिला मीना राणा, बीरेंद्र नेगी राही व माया उपाध्यय आदि उत्तराखंड के नामी कलाकार हैं। गित्येर-2019 के विजेता को 21,000/-, द्वितीय स्थान हासिल करने वाले को 15,000/- तृतीय स्थान पर आने वाले बाल कलाकार को 11,000/- की धनराशि पुरस्कार स्वरुप भेंट की जाएगी। इसके अलावा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी बच्चों को 5,100/- रुपये की सहयोग राशि प्रदान की जाएगी।

इस कार्यक्रम की सफलता इसी बात से लगाई जा सकती है कि संगीत जगत की प्रसिद्ध विभूतियों के साथ समाज के गणमान्य व्यक्ति, साहित्यकार भी शामिल होकर बच्चों को अपना आशीर्वाद प्रदान करने पहुंच रहे हैं।

द्वारका चमोली