नई दिल्ली : बीते 8 जनवरी को कश्मीर के गुलमर्ग से लापता हुए भारतीय सैनिक हवलदार राजेन्द्र सिंह नेगी की तलाश को लेकर सरकार की उदासीनता से उत्तराखंड समाज के लोगों में जबर्दस्त रोष है। भारतीय सेना के जवान हवालदार राजेन्द्र सिंह नेगी की अब तक कोई खोजखबर न मिलने से आहत उत्तराखण्ड की विभिन्न संस्थाओ के सामाजिक कार्यकर्ताओं, राज्य आन्दोलनकारियों, पूर्व सैनिक सोसाइटी (ESMSHO), मीडियाकर्मियों सहित उत्तराखंड मूल के सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के द्वार तक “BRING BACK राजेंद्र नेगी” शांति पदयात्रा निकाली।
बतादें कि 11वीं गढ़वाल राइफल के जवान हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी पिछले कुछ समय से कश्मीर के गुलमर्ग में सीमा पर निगरानी के लिए तैनात थे। गुलमर्ग में भारी बर्फबारी के दौरान गश्त कर रहे राजेन्द्र नेगी बीती 8 जनवरी को बर्फ में फिसल गए। जिसके बाद से वे लापता हो गए। आशंका जताई जा रही है कि हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी बर्फ में फिसलकर पाकिस्तान की सीमा में चले गए। हालाँकि इस बारे में अभी तक न तो पाकिस्तान की तरफ से कोई जानकारी दी गई है और नहीं भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि की है। राजेंद्र सिंह नेगी मूलरूप से उत्तराखंड के चमोली जनपद के आदिबद्री क्षेत्र के पजियाणा गांव के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनकी पत्नी व तीन बच्चे अंबीवाला स्थित सैनिक कॉलोनी, देहरादून में रहते हैं। राजेंद्र सिंह नेगी वर्ष 2002 में गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे।
एक महीने से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी अब तक न तो सरकार लापता जवान को नहीं ढूंढ पाई है। और नहीं राज्य व केंद्र सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को किसी रतह की आर्थिक मदद के लिए कोई प्रयास किये जा रहे है। यहाँ तक कि अब सैनिक राजेंद्र नेगी की पत्नी की भी तबियत बहुत बिगड़ गई है। उनकी पत्नी को खराब स्वास्थ्य के कारण सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सरकार की इस बेरुखी से परेशान एवं सैनिक की परिवार की चिंताजनक हालात को देखते हुए शुक्रवार को उत्तराखण्ड की विभिन्न संस्थाओ के सामाजिक कार्यकर्ताओं, राज्य आन्दोलनकारियों तथा बड़ी संख्या में पहुंचे उत्तराखंड मूल के लोगों ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। अंत में राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में मुख्य रूप से लापता सैनिक राजेंद्र नेगी की सकुशल वापसी और खोजबीन में तेजी लाने की मांग की गयी।
इस अवसर पर राज्य आन्दोलकारी नन्दन सिंह रावत, अनिल पन्त, जगदीस ममगाई, चारु तिवारी, हरिपाल रावत, वीर सिंह चौहान, प्रेमा धोनी, रजनी जोशी, करुणा भट्ट, वीना सत्ती, ज्योति डंगवाल, बबिता नेगी, रोशनी चमोली, मंजू रतूड़ी, माया रावत, उमेश रावत, आशा बरारा, उषा नेगी, मोहन उप्रेती, प्रीतम जेठा, जगत बिष्ट, प्रताप थलवाल, प्रताप शाही, राकेश रावत, रणबीर सिंह पूंडरी, पृथ्वी रावत, दिनेश फुलेरिया, गिरीश नेगी, यशपाल भंडारी, पत्रकार देव सिंह रावत, सत्येन्द्र सिंह रावत, जीपीएस गुडडू रावत, दीप सिलोड़ी, यशोदा जोशी, आनंद जोशी, हरीश असवाल, कुशाल जीना, लोक गायक भुवन, रंग कर्मी गिरधर रावत, कुशाल सिंह बिष्ट, कुशाल जीना, दिनेश, मायाराम बहुगुणा आदि मौजूद रहे।