135 students from Pauri visited Chandigarh as part of the National Invention Campaign

श्रीनगर गढ़वाल: समग्र शिक्षा अभियान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के अन्तर्गत 2 मार्च 2020 से 6 मार्च 2020 तक पौड़ी जनपद के खिर्सू, पौड़ी,पाबौं, कोट और कल्जीखाल विकासखंडों के 135 छात्र-छात्राओं और 15 शिक्षक-शिक्षिकाओं का एक दल ने उत्तराखंड से लेकर चंडीगढ़ तक विभिन्न दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया.

भ्रमण दल 2 मार्च को पौड़ी एवं श्रीनगर से देवप्रयाग, व्यासी, ऋषिकेश,चीला होते हुए हरिद्वार पहुँचा। जहाँ से शाम 6 बजे दल ने चंडीगढ के लिए प्रस्थान किया. काधनौरी, भगवानपुर, गंगलहेरी, सहारनपुर, सरसावा, मुल्लाना, साहा, नारायणपुर, रायपुर खंगेसरा, पंचकुला जैसे छोटे बडे शहरों से होते हुए केन्द्र शासित प्रदेश और हरियाणा और पंजाव की खूबसूरत राजधानी चण्डीगढ़ पहुंचे. वहां पहुंचकर दल ने चण्डीगढ़ के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया। इस दौरान संयोजक उप शिक्षा अधिकारी शावेद आलम, एस्कार्ट शिक्षक के रुप में मुकेश काला, जितेन्द्र रॉय, श्रीमती प्रमिला रावत, अंजली रावत, उमा पुरी, अमिता नौडियाल, रीना रावत, उषा रावत, मातबर चौहान, हरि सिंह, रमेश भटगाई, पदमेन्द्र लिंगवाल, मनोज नौडियाल, मंगल सिंह, प्रकाश मोहन गुसाँई के कुशल संचालन एवं अनुशासन से बच्चों ने चण्डीगढ़ की भौगोलिक बनावट, पर्यावरणीय सन्तुलन, ट्रेफिक संचालन, सड़क सुरक्षा और दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कर एक यादगार को अपने मन मस्तिष्क और डायरी में उतार लिया।

135 students from Pauri visited Chandigarh as part of the National Invention Campaign

जिरकापुर छतबीर जू

मोहाली जनपद के अंतर्गत जिराकपुर-पटियाला रोड स्थित जिरकापुर छतबीर जू का उद्घाटन 13 अप्रैल 1977 में किया गया था। पहले इस जू को उस समय पंजाब के गवर्नर ने नाम पर महेन्द्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क के नाम से जाना जाता था। 202 एकड़ में फैले इस जूलॉजिकल पार्क की गिनती उत्तर भारत के सबसे बड़े जू में होती है। प्राकृतिक जंगलों के माहौल में स्थित इस जू में स्तनपाई, पक्षी और सरीसृप की 85 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है। यूं तो छतबीर जू में कुल 950 चौपाए हैं, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा चर्चित है रॉयल बंगाल टाइगर।

इसके अलावा यहां की लॉयन सफरी, ड्राइव-इन डीयर सफारी और छिछले पानी का झील इस जू को और भी रोचक बना देता है। जू में छोटे पेड़ों, हर्बो, देशज वृक्षों और घासों की बड़ी विविधता इसे जानवरों के प्राकृतिक आवास जैसा बना देता है। यह पार्क हर दिन खुला रहता है।

रॉक गार्डन

रॉक गार्डन ऑफ़ चंडीगढ़ एक शिल्पकृत गार्डन अर्थात उद्यान है जो भारतीय राज्य चंडीगढ़ में स्थित है। ये मुख्य रूप से नेक चन्द सैनी गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण नेक चन्द सैनी ने करवाया था। पूर्व में यह इतना बड़ा नहीं था लेकिन वर्तमान में यह लगभग 40 एकड़ में विस्तृत है। यह सुखना झील के निकट स्थित है। यह उद्यान कूड़े -कर्कट जैसे सिरामिक, प्लास्टिक बोतलों, पुरानी चूड़ियों तथा टाइल्स इत्यादि से बनाया गया है।

मनसा देवी मन्दिर

पंचकूला. मनसा देवी मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जो शक्ति की देवी मानी जाती हैं। कहा जाता है कि यदि कोई सच्चे मन से 40 दिन तक रोज मनसा देवी के भवन में पहुंचकर पूजा करता है, तो मां मनसा देवी उसकी मनोकामना पूरी करती है। क्या है मनसा देवी की मान्यता है कि जब माता पार्वती अपने पिता हिमालय के राजा दक्ष के घर अश्वमेध यज्ञ में बिना बुलाए चली गई, तो किसी ने उनका सत्कार नहीं किया तो उन्होंने अपने आप को यज्ञ में अग्नि में होम कर दिया।

इस बात का पता चलते ही भगवान शिव यज्ञ स्थान पर पहुंचकर सती का शरीर लेकर तांडव नृत्य करते हुए में भटकने लगे। भगवान शिव का उग्र रूप देखकर देवताओं को चिंता हुई, तो भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। जिसके बाद कई जगहों पर सती के शरीर के अंग गिरे, वहीं शक्तिपीठों की स्थापना हुई और शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती शिव की भक्ति भाव से आराधना करने पर मनोकामना पूरी होगी।

पंचकूला शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के सिर का हिस्सा गिरने से मनसा देवी शक्तिपीठ की स्थापना हुई और लोग यहां दर्शन के लिए आने लगे। मंदिर के विकास के लिए सरकार द्वारा श्रीमाता मनसा देवी पूजास्थल बोर्ड की स्थापना कर दी गई है, जोकि मंदिर का रख-रखाव कर रहा है।

सुखना झील

सुखना झील भारत के चण्डीगढ़ नगर में हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित एक सरोवर है। यह झील 1958 में 3 किमी² क्षेत्र में बरसाती झील सुखना खाड (चोअ) को बाँध कर बनाई गई थी। पहले इसमें सीधा बरसाती पानी गिरता था और इस कारण बहुत सी गार इसमें जमा हो जाती थी। इसको रोकने के लिए 25.42 किमी² ज़मीन ग्रहण करके उसमे जंगल लगाया गया। 1974 में इसमें चोअ के पानी को दूसरी तरफ मोड़ दिया गया और झील में साफ़ पानी भरने का प्रबंध कर लिया गया।

रोज गार्डन

जाकिर हुसैन रोज़ गार्डन, भारत के चण्डीगढ़ शहर में 30 एकड़ में बना हुआ एक गुलाब के फूलों का बागीचा है इसमें 1600 किस्मों के 50,000 गुलाब के पौधे लगे हुए है। यह एशिया का सब से न्यारा और सुन्दर बागीचा माना जाता है।

जाकिर हुसैन रोज़ गार्डन

इन सभी दर्शनीय स्थलों के भ्रमण के पश्चात  सभी बच्चे वापस गढवाल सभा भवन में विश्राम एवं भोजन करने के पश्चात गढ़वाल के प्रसिद्ध हास्य कलाकार भगवान सिंह टीम द्वारा हास्य व्यंग्य के शिरोमाणि द्वारा मनोरंजन किया गया।और बच्चों को सन्देश दिया गया मातृभाषा गढवाली का प्रयोग बोलचाल की भाषा में जरूर करें। गढवाल सभा का महत्वपूर्ण योगदान हमारे बच्चों की सुरक्षा एवं व्यवस्था में सराहनीय रहा।मार्तशाक्ति| शिक्षिकाओं द्वारा बच्चों का विशेष ध्यान रखा गया।धन्यवाद करते है नामदेव ट्रेवल और उन तमाम बस आपरेटरों का जिन्होने हमारे बच्चों को अपने घर तक सकुशल पहुंचाने में अपना सहयोग दिया।