Katkeshwar Mahadev (Ghashya Mahadev

श्रीनगर : बुधवार को ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ भगवान के कपाट बुधवार प्रातः 6 बजकर 10 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक ग्रीष्मकालीन यात्रा के लिए खुल गये हैं। बाबा केदार के कपाट खुलने और सर्वे भवन्तु सुखिना की मंगलकामना के साथ कटकेश्वर महादेव (घस्या महादेव) में शिव अराधना की गई। जिसमें वैदिक मंत्रोच्चार और विधि विधान से शिव पूजा अर्चना की गयी। विशेष पूजा रुद्राभिषेक रही, हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा माना जाता है कि रुद्राभिषेक से प्रसन्न होते हैं भगवान भोलेनाथ  हर मनोकामना कर देते हैं. भगवान शिव अपने भक्‍तों की पूजा से बहुत जल्‍दी ही प्रसन्‍न हो जाते हैं, लेकिन इस कठिन दौर में तो शिव का रुद्राभिषेक करना सबसे शुभ उपाय हो सकता था, जिसके लिए आज कटकेश्वर महादेव (घस्या महादेव) में मंहत महेश गिरि, पण्डित जय प्रकाश डिमरी और पण्डित देवेन्द्र उनियाल शास्त्री द्वारा इस पूजा को किया गया.

शिव का रुद्राभिषेक

महादेव को प्रसन्न करने का रामबाण उपाय है रुद्राभिषेक, ज्योतिष के जानकारों की मानें तो सही समय पर रुद्राभिषेक करके आप शिव से मनचाहा वरदान पा सकते हैं. क्योंकि शिव के रुद्र रूप को बहुत प्रिय है.

रुद्राभिषेक की महिमा

भोलेनाथ सबसे सरल उपासना से भी प्रसन्न होते हैं लेकिन रुद्राभिषेक उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय है. कहते हैं कि रुद्राभिषेक से शिव जी को प्रसन्न करके आप असंभव को भी संभव करने की शक्ति पा सकते हैं.

रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं.

शिव जी की कृपा से सारे ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है.
शिवलिंग पर मंत्रों के साथ विशेष चीजें अर्पित करना ही रुद्राभिषेक कहा जाता है.
रुद्राभिषेक में शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ करते हैं.
सावन में रुद्राभिषेक करना ज्यादा शुभ होता है.
रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं.
रुद्राभिषेक कोई भी कष्ट या ग्रहों की पीड़ा दूर करने का सबसे उत्तम उपाय है.