ग्रेटर नोएडा : कोरोना महामारी के चलते किये गए लॉकडाउन के दौरान स्कूलों की फीस माफ करने की मांग को लेकर शुरू की गई मुहिम में अभिभावकों के साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी जुड़ रहे हैं।
फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए, ग्रेटर नोएडा ने भी स्कूल फीस माफ करने की मांग का समर्थन किया है। फेडरेशन ने इससे संबंधित पत्र गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को ईमेल और ट्विटर के माध्यम से भेजा है। लॉकडाउन के दौरान फीस माफ करने के साथ ही स्कूलों में चल रही किताब, कापी व ड्रेस की दुकानों का भी जिक्र किया गया है। ज्ञात हो कि लॉकडाउन के दौरान स्कूलों की फीस माफ करने की मांग तेज हो गयी है। अभिभावक सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के उपाध्यक्ष आलोक नागर का कहना है कि 10 साल पुराने और नो पराफिट नो लॉस पर काम करने वाले सभी स्कूलों को तीन माह की फीस माफ करनी चाहिए,क्योंकि प्राधिकरण की ओर से बहुत कम दरों में स्कूलों को जमीन दी गई है। स्कूलों को जमीन देते समय प्राधिकरण ने नो पराफिट नो लॉस पर काम करने के लिए गया था। इसलिए कोरोना जैसी महामारी में सभी स्कूलों को तीन महीने की फीस माफ करनी चाहिए। फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए ने जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री से यह भी मांग की है कि स्कूलों में चल रही किताब, कॉपी व ड्रेस की दुकानें बंद होनी चाहिए। अभिभावकों को कहीं से ही किताब, कॉपी व ड्रेस खरीदने की छूट होनी चाहिए। फंड न होने का रोना रो रहे स्कूलों के बैंक अकाउंट की जांच की जाए। करोड़ों का फंड होने के बाद भी कुछ स्कूल फीस मांग रहे हैं। फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों का कहना है कि जिन स्कूलों के पास वास्तव में फंड नहीं है, उनके लिए जो अभिभावक फीस जमा करने में सक्षम हैं, वे स्वयं अपनी सामर्थ अनुसार फीस का भुगतान अवश्य करें। सीएल मौर्य