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श्रीनगर गढ़वाल : प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति के आदेश जारी होने पर राजकीय शिक्षकों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पदस्थापना हेतु कांउसलिंग की मांग की है। साथ ही पांच वर्षो की अनिवार्यता को शिथिलीकरण करते हुए प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति की मांग की है।

राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व मंडलीय मंत्री शिव सिंह नेगी ने कहा कि प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति आदेश होने से शिक्षकों में खुशी है किन्तु वास्तविक लाभ सिर्फ 1200 के आसपास शिक्षकों को ही मिलता देख निराशा भी हुई है। उन्होंने कहा कि अभी भी हजारों की संख्या में प्रवक्ता पद रिक्त हैं शीघ्र ही शिक्षकों को पदोन्नति दी जानी चाहिए। पदोन्नति में कांउस्लिंग का प्राविधान किया जाना चाहिए।

नेगी ने कहा कि विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के तमाम पद भी रिक्त हैं जिन पर पदोन्नति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सैकड़ो इंटर कालेज मुखिया विहीन संचालित हो रहे हैं किंतु शासन द्वारा प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत रहने की पांच वर्षों की सेवा अनिवार्य की गई है, जिससे पदोन्नति वाधित हो रही हैं। पूर्व मंडलीय मंत्री ने कहा कि उद्यान विभाग की तर्ज पर अनिवार्य सेवा में शिथिलीकरण का लाभ प्रदान करते हुए प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन किये जाने चाहिए। ऐसा होने पर एक ओर जहां छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध होगी वहीं दूसरी ओर नये रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। साथ ही शिक्षकों के मनोबल में भी उत्साह का संचार होगा।

शिक्षक नेता ने यह भी अवगत करवाया कि वार्षिक स्थानांतरणों पर तबादला सत्र शून्य होने की बात की जा रही है जो कि न्यायसंगत न होने के साथ ही अनौचित्यपूर्ण भी है। आम शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात होने के साथ ही शैक्षिक दृष्टि से भी आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण सत्र को शून्य न किया जाय क्योंकि शिक्षकों का आवश्यक विवरण पोर्टल पर उपलब्ध हैं। नेगी ने मांग रखी कि पदोन्नति और स्थानांतरणों में कांउस्लिंग की व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए ताकि व्यावहारिकता और पारदर्शिता कायम की जा सके।