Electricity disappeared in villages of Kaljikhal block for two days

कल्जीखाल : कोरोना महामारी में लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न हिस्सों से अपने-अपने गाँव पहुंचे प्रवासियों को सरकार द्वारा निर्धारित गाइड लाइन्स के तहत 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में क्वारंटाइन रहना पढ़ रहा हैं। पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में अक्सर गाँव से दूर एकांत में (जंगल से नजदीक) बने विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। जहाँ दिन में ही जंगली जानवरों के साथ-साथ सांप और अन्य कीड़े-मकोड़ों का खतरा बना रहता है। ऐसे में अगर रात में बिजली न हो तो इन क्वारंटाइन सेंटरों में रहना कितना भयावह होगा इस बात का मात्र अंदाजा ही लगाया जा सकता है। अभी हाल ही में नैनीताल जिले की घटना से सभी वाकिफ है जहाँ क्वारंटाइन सेंटर में एक 5 साल की बच्ची को साँप ने काट दिया था और कुछ देर बाद ही उसकी मृत्यु हो गई थी। वहीँ कल्जीखाल ब्लॉक के अंतर्गत एक प्राथमिक विद्यालय में बने क्वारेंटन सेंटर अचानक एक भालू धमक गया था जिस कारण नोडल अधिकारी को तीन साल की बच्ची एवं उसके माता पिता को होम कवारेंटाइन करवाना पढ़ा था।

कल्जीखाल ब्लॉक के दूर दराज गांवों में भी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों ऐसे ही कुछ क्वारंटाइन सेंटरो में प्रवासी अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ क्वारंटाइन हैं। चिंता की बात यह है कि इस इलाके में पिछले दो दिनों से विधुत सेवा बाधित है। बिना बिजली के (अँधेरे में) एकांत में बने क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासियों के अंदर दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि विधुत विभाग के अधिकारी इस समस्या का निस्तारण तो दूर फोन उठाने को तैयार नही हैं। जिला पंचायत सदस्य गढकोट सजंय डबराल ने कहा वे इस सम्बंध में अधिशाषी अभियंता से सम्पर्क करेंगे। जबकि क्षेत्र के प्रमुख समाजसेवी पीएलबी इस गम्भीर समस्या को लेकर जिलाधिकारी पौड़ी से मिलगे। दरअसल घण्डियाल का 33 केबी का सब स्टेशन मात्र एक सविदा कर्मी के भरोसे चल रहा है। जिस कारण आए दिन हल्की फुल्की आंधी तूफान से ही विधुत लाइन बाधित हो जाती है।

जगमोहन डांगी पराविधिक स्वयं सेवी एवं ग्रामीण पत्रकार घण्डियाल कल्जीखाल