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नई दिल्ली : उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चीन के राष्ट्रपति सी जिनपिंग को पवित्र धार्मिक ग्रंथ “रामायण” भेज कर विस्तारवादी नीति का आइना दिखाया है। सतपाल महाराज ने कहा कि वे चीन के राष्ट्रपति को रामायण भेजकर संदेश देना चाहते हैं कि दशानन रावण की विस्तारवादी सोच के चलते ही उसका अंत हुआ था। उन्होंने कहा कि वह शी जिनपिंग को बताना चाहते हैं कि विस्तारवादी व्यक्ति या देश कभी आगे नहीं बढ़ते हैं। महाराज ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि जिनपिंग रामायण से कुछ सबक लेंगे।

मंगलवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अपने सुभाष रोड़ स्थित सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चीन से फैले कोरोना से आज पूरा विश्व जूझ रहा है। इस महामारी से लोगों की मौत हो रही है, लेकिन चीन मदद करने के बजाय विस्तारवादी सोच पर चल रहा है। वहीँ गलवान घाटी में जिस प्रकार से चीन के सैनिकों ने अपनी विस्तारवादी सोच के चलते निहत्थे भारतीय जवानों पर हमला किया व बहुत ही निंदनीय है।

महाराज ने कहा कि वह चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग आज प्राचीन ग्रंथ रामायण भेजकर संदेश देना चाहते हैं कि दशानन रावण की विस्तारवादी सोच के परिणाम स्वरूप ही उसका कैसा हश्र हुआ था। उन्होने कहा कि वह चीन के राष्ट्रपति को बताना चाहते हैं कि विस्तारवादी व्यक्ति अथवा देश कभी पनपते नहीं हैं। रामायण पढ़कर चीन को अपनी सोच को सुधारना चाहिए। भारत हमेशा शांति की बात करता है। लेकिन देश की रक्षा के लिए ये रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पर्यटन मंत्री ने कहा कि रामायण में बताया गया है कि जो व्यक्ति विस्तारवाद की बात करता है उसका अंत कैसे होता है। महाराज ने कहा कि वह आशा करते हैं कि चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग रामायण से शिक्षा लेकर रावण की विस्तारवादी सोच से हुए उसके पतन से कुछ सबक लेंगे।