ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा शहर के विभिन्न सेक्टरों की आरडब्ल्यूए की मान्यता के संबंध में बनाए जा रहे नियमों के विरोध में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी व सामाजिक संगठन खुलकर सामने आ गए हैं। शनिवार को करीब 28 आरडब्ल्यूए व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर अपने-अपने विचार रखे। सभी ने गलत नियमों को वापस लिए जाने की मांग की है। फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के महासचिव दीपक कुमार भाटी ने कहा कि पिछले कुछ समय से प्राधिकरण के सीईओ द्वारा निरंतर सेक्टरों के विकास कार्यों के बजट में कटौती की जा रही है। प्राधिकरण अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ कर शहर की आरडब्ल्यूए व जनता के ऊपर अतार्किक व अतर्कसंगत नियमों को बिना सहमति के थोप रहा है। उनका कहना है कि प्राधिकरण लीज डीड व अपने बनाए हुए नियमों से भाग रहा है। प्रवीण भारतीय ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारियों का रवैया आमजन के प्रति ठीक नहीं है। प्राधिकरण के अधिकारी जनता के नौकर हैं न कि जनता के मालिक हमारा पूरा संगठन फेडरेशन के साथ है। वहीं महिला संगठन की पदाधिकारी रूपा गुप्ता ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारियों का रवैया शहर को बसाने का नहीं है, बल्कि उजाड़ने का है। आरडब्ल्यूए के लोग बिना किसी वेतन के निस्वार्थ शहर के विकास में योगदान दे रहे हैं, लेकिन प्राधिकरण इनको आपस में लड़ाना चाहता है। आजाद अधाना ने कहा कि प्राधिकरण के नियमों से कोई सहमत नहीं है। जिन आरडब्ल्यूए को मान्यता देना बताया गया है, उनके साथ प्राधिकरण ने धोखा किया है। उन्होंने कहा कि बिना नियमों को बताए फॉर्म लिया था, वह लोग अपना विरोध लिखित रूप में दर्ज करा चुके हैं। बैठक में सभी लोगों ने एक सुर में प्राधिकरण के गलत निर्णयों का विरोध किया और कहा कि अगर 15 दिनों में इन गलत निर्णयों को वापस नहीं किया तो शहर की सभी आरडब्ल्यूए व सामाजिक संगठनों के लोग विरोध प्रदर्शन कर सीईओ के ट्रांसफर की मांग करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में फेडरेशन के कोषाध्यक्ष मनीष बीडीसी, धर्मवीर नागर, परितोष भाटी, डॉ. राकेश, अजब सिंह प्रधान, सतीश शर्मा, संतराम भाटी, मुलेंद्र, कर्मवीर फौजी, सतेंद्र हूण, राकेश त्यागी, सुधीर चौधरी, वीरेश बंसल, सतीश, कैलाश भाटी आदि शामिल हुए।