ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा के जेवर में बनने वाले देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट) के निर्माण के लिए बुधवार को एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी (Zurich International Airport AG) और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के अधिकारियों ने कंसेशन एग्रीमेंट (करार) पर हस्ताक्षर किये। हस्ताक्षर होते ही इस कंशेसन एग्रीमेंट के जरिये अब ज्यूरिक इंटरनेशनल को औपचारिक रूप से जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति मिल गई है। अब प्रदेश सरकार बहुत जल्द एयरपोर्ट के शिलान्यास का कार्यक्रम करा सकती है। यह एग्रीमेंट 40 साल के लिए किया गया है। इस परियोजना पर करीब 4,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एग्रीमेंट पर NIAL के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह व जर्मन कंपनी की तरफ से क्रिस्टोफ श्नेलमैन (Christoph Schnellmann), मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री व नागरिक उडडन विभाग एसपी गोयल, निदेशक नागरिक उडडन विभाग उप्र सरकार सुरेंद्र सिंह, सीईओ नोएडा रितु माहेश्वरी, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण नरेंद्र भूषण, ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर श्रीमती किरन के जैन, लीगल हेड शोभित गुप्ता मौजूद थे। कंसेशन एग्रीमेंट से ज्यूरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी को 40 साल की अवधि के लिए एयरपोर्ट का डिजायन, निर्माण व संचालन करने का लाइसेंस मिल गया है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर विकसित किया जाएगा। एयरपोर्ट का चार चरणों में निर्माण किया जाएगा। प्रथम चरण में दो रनवे के साथ वर्ष 2023-24 में उड़ान शुरू हो जाएगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के साथ-साथ कार्गो, एमआरओ व वेयर हाउसिंग हब विकसित होंगे। जेवर एयरपोर्ट के लिए 12,500 एकड़ जमीन सुरक्षित रखी गयी है। प्रथम चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट से न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश का विकास होगा। एयरपोर्ट के निर्माण से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। भविष्य में घरेलू एवं ग्लोबल निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश सबसे चहेता राज्य बनेगा। जिससे प्रदेश में आर्थिक प्रगति को बढ़ावा मिलेगा। ज्यूरिक एयरपोर्ट इंटरनेशनल (एशिया) ने कहा कि कंसेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। वर्ष 2024 में पहले चरण का विकास पूरा होने के बाद कंपनी 12 मिलियन यात्रियों की प्रतिवर्ष क्षमता प्रदान करेगी। चार चरणों के निर्माण पूरा होने पर इस एयरपोर्ट से 70 मिलियन यात्री प्रतिवर्ष सफर करेंगे। यह यात्रियों व लॉजिस्टिक्स पार्टनर्स के लिए आसान इस्तेमाल (ईज ऑफ यूज) का एक मापदंड होगा। भारत में एविएशन उद्योग के विकास में निवेश की बहुत संभावना है।
NIAL के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने कहा कि कंसेशन एग्रीमेंट के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह विस्तरीय एयरपोर्ट न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र को घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय स्थानों से जोड़ेगा अपितु दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अतिरिक्त क्षमता भी प्रदान करेगा।
कोरोना महामारी के चलते तीन माह टला कंसेशन एग्रीमेंट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के निर्माण के लिए कंसेशन एग्रीमेंट करीब तीन माह पूर्व होना था लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद कर दी गयीं। नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए स्विटजरलैंड की ज्यूरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी ने 400.97 रुपये प्रति यात्री राजस्व देने का प्रस्ताव देकर टेंडर हासिल किया था। नोएडा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट करीब 29,500 करोड़ रुपये का है। अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 360 रुपये, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने 351 रुपये व एनकोर्ज इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट लिमिटेड ने 205 रुपये प्रति यात्री राजस्व देने की बोली लगायी थी।
टेंडर मिलने के बाद ज्यूरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी ने यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से स्पेशनल परपज व्हीकल (एसपीवी) कंपनी बनायी। कोरोना महामारी के चलते कंसेशन एग्रीमेंट की तिथि दो बार टालनी पड़ी। एसपीवी कंपनी को सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिलने के 45 दिन के अंदर एग्रीमेंट करना जरूरी होता है। पहले दो जुलाई फिर 17 अगस्त एग्रीमेंट की तिथि तय हुई लेकिन हालात सामान्य नहीं हुए। अब 07 अक्टूबर को एग्रीमेंट हो पाया है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) में चार संस्थाएं हिस्सेदार हैं। जिसमें प्रदेश सरकार व नोएडा प्राधिकरण की 37.5-37.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण 12.5-12.5 प्रतिशत के पार्टनर हैं।