प्रदेश सरकार की ओर से आयोजित होने वाली उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सुमन बडोनी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को पत्र लिखकर संसोधन की मांग की है। मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में सुमन बडोनी ने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा है कि आयोग द्वारा बेरोजगारो के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं को पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचन्द खड्डूी सरकार के दौरान लिए गये फैसलों की तर्ज पर आयोजित किया जाये। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं को लेकर चयन आयोग पर समय-समय पर प्रश्नचिन्ह लगते रहते हैं। अतः उत्तराखंड के समस्त बेरोजगारों की ओर से यह सुझाव है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के दौरान उत्तर पुस्तिका जमा करने से पहले सभी परीक्षार्थी हल किये गए तथा छोड़ दिए गए प्रश्नों का विवरण उत्तर पुस्तिका में लिखें तथा कक्ष निरीक्षक उसे सत्यापित करे। जिससे परीक्षा में पारदर्शिता बनी रहे।
उदारण के लिए यदि परीक्षा में 100 प्रश्न पूछे गये हैं। और यदि परीक्षार्थी ओएमआर सीट पर 80 प्रश्नों को हल करके 20 प्रश्न छोड देता है तो उसका पूरा विवरण परीक्षार्थी उत्तर पुस्तिका जमा करने से पहले परीक्षा कक्ष में इस प्रकार भर दे। (परीक्षा में कुल प्रश्न=100, हल किये गए प्रश्न=80, छोड़े गए प्रश्न=20, कक्ष निरीक्षक के हस्ताक्षर) जिस पर अन्तिम समय पर कक्ष निरीक्षक हस्ताक्षर करे। यदि यह प्रक्रिया धरातल पर होती है तो इससे परीक्षा में पारदर्शिता बनी रहेगी और सरकार तथा चयन आयोग पर प्रश्नचिन्ह भी खड़ा नहीं होगा। बडोनी ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार इस सुझाव को अमल में नहीं लाएगी तो इसको लेकर बेरोजगार संगठन परीक्षा से पहले एक जन आन्दोलन के लिए बाध्य होगा।