ग्रेटर नोएडा : यमुना एक्सप्रेसवे औद्यौगिक विकास प्राधिकरण अपना ‘इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड लाने की तैयारी कर रहा है। जिसमें निवेश करके मुनाफा कमाया जा सकता है। रेटिंग तय करने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है। उम्मीद है कि दो माह में रेटिंग मिल जाएगी। इससे बिना बैंक लोन लिए ही प्राधिकरण के पास भी फंड का इंतजाम हो जाएगा।
दरअसल है यमुना प्राधिकरण जेवर एयरपोर्ट, परी चौक से जेवर तक मेट्रो, फिल्म सिटी, ट्वॉय सिटी, अपैरल पार्क, एमएसएमई क्लस्टर, हैंडीक्राफ्ट पार्क आदि कई बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जरूरत है। इन कार्यों पर मोटी रकम खर्च होगी। प्राधिकरण पर पहले से ही 2000 करोड़ रुपये का कर्ज है। ऐसे में प्राधिकरण बैंकों से और लोन लेने के बजाय बॉन्ड के जरिए फंड का इंतजाम करना चाह रहा है। पब्लिक उस बॉन्ड को खरीदेगी, जिससे यीडा के पास फंड आ जाएगा। यह रकम यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने पर खर्च होगी। खास बात यह है कि अगर यीडा बॉन्ड ले आता है तो यह प्रदेश का पहला प्राधिकरण बन जाएगा। अभी तक प्रदेश के कोई भी प्राधिकरण अपना बॉन्ड नहीं लाया है। यीडा ने बॉन्ड लाने से पहले रेटिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रेटिंग तय करने वाली एजेंसी का चयन करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) निकाला गया, जिसमें तीन कंपनियों ने आवेदन किए। इनमें से एक ब्रिक वर्क इंडिया प्रा. लि. नाम की कंपनी का चयन हुआ है। यह कंपनी दो माह में रेटिंग तय करेगी। रेटिंग के लिए कई पैरामीटर पर संस्था को परखा जाता है, जिनमें फाइनेंशियल रिस्क असिस्मेंट, लिक्विडिटी, भविष्य में नकदी का प्रवाह, कार्पोरेट गवर्नेंस का अनुभव आदि शामिल हैं। इनके जरिए रेटिंग तय होगी। रेटिंग के जरिए बॉन्ड के रेट तय होगा। दरअसल, नोएडा एयरपोर्ट बनने के सातवें साल से नियाल (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) को सालाना एक लाख करोड़ रुपये की आमदनी होगी। नियाल में उत्तर प्रदेश सरकार व नोएडा प्राधिकरण की 37.5- 37.5 फीसदी और ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण 12.5- 12.5 फीसदी हिस्सेदारी है। यह रकम इन सभी को नियाल में उनकी हिस्सेदारी के हिसाब से मिलती रहेगी। इससे यमुना प्राधिकरण की बेहतर रेटिंग बनने की उम्मीद है। इस बारे में यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि बॉन्ड लाने की योजना पर काम चल रहा है। प्राधिकरण की रेटिंग तय करने के लिए विदेशी फर्म का चयन कर लिया गया है। दो माह में रेटिंग रिपोर्ट आ जाएगी। इससे फंड जुटाने में मदद मिलेगी।