नोएडा : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भंगेल पर बृहस्पतिवार को ‘काउंसलिंग ट्रेनिंग फॉर सर्विस प्रोवाइडर’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित ऑग्जीलयरी नर्स मिडवाइफ (एएनएम) को परिवार नियोजन की काउंसलिंग का प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें बताया गया कि काउंसलिंग कैसे करनी है, कब करनी है और किस-किस की करनी है। इस अवसर पर एएनएम को प्रशंसा प्रमाणपत्र भी दिये गये।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. दीपक ओहरी ने कहा कि परिवार नियोजन की काउंसलिंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें दम्पति की कब और किस समय काउंसलिंग करनी है। इसके लिए उन्होंने ग्राम्य स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस को उपयुक्त बताया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्विस प्रोवाइडर्स को बताया गया कि दम्पति की काउंसलिंग कब करनी है, किस-किस की करनी और कैसे करनी है। उन्हें बताया गया नवदम्पति, जिनके एक या दो बच्चे हैं उनकी काउंसलिंग बहुत जरूरी है। उन्हें यह भी बताया गया कि वह लोगों को यह भी बतायें कि 18 की उम्र के बाद शादी, शादी के दो साल बाद बच्चे और पहले व दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतर जरूरी है। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं को एचटीएसपी (हेल्दी टाइमिंग एंड स्पेसिंग ऑफ प्रेगनेंसी) के बारे में भी समझाया गया। उन्हें इन्फोर्म च्वाइस (जो चाहे वह चुने) के बारे में भी बताया गया, यानि दम्पति को परिवार नियोजन के वही साधन उपलब्ध कराएं, जिसकी उन्होंने मांग की है। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि ग्राम्य स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस काउंसलिंग के लिए इसलिए भी उचित है क्योंकि उसमें गर्भवती और धात्री माताएं आती हैं, यही समय उनको परिवार नियोजन के बारे में समझाने का उचित समय है। इस दौरान उन्हें गर्भनिरोधक साधनों के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिये। इसके अलावा वहां आने वाली किशोरियों को शादी की सही उम्र के बारे में बताया जा सकता है। एएनएम को स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी एस.के चौहान व परिवार नियोजन विशेषज्ञ दीप्ति सिंह ने प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. दीपक ओहरी, परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नेपाल सिंह ने एएनएम को प्रशंसा प्रमाण पत्र दिए और परिवार नियोजन की काउंसलिंग की टिप्स दीं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 31 एएनएम ने भाग लिया।