Maa-Dhari-Devi-Doli-Yatra

नई दिल्ली : गत वर्ष की भांति आगामी वर्ष 2021 में भी मां धारी देवी की 21 दिवसीय देव डोली यात्रा का आयोजन 7 फरवरी से 27 फरवरी 2021 तक किया जायेगा। मां धारी देवी की यात्रा को सफल बनाने के लिए आगामी 13 दिसंबर 2020 (रविवार) को नई दिल्ली के पंचकुयाँ रोड़ गढ़वाल भवन में दोपहर 3:00 बजे से एक संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। बैठक का आयोजन ईष्ट देव सेवा समिति के संस्थापक आचार्य सुरेंद्र प्रसाद सुंदरियाल महाराज एवं मां धारी देवी के उपासक, प्रसिद्द समाजसेवी व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा के सानिध्य में किया जा रहा है। आयोजन मण्डल के सदस्यों आचार्य सुरेंद्र प्रसाद सुंदरियाल, संजय शर्मा दरमोड़ा तथा सुभाष गोसाईं ने दिल्ली प्रदेश की सभी धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संस्थाओं तथा कीर्तन मंडलियों सहित पत्रकार बंधुओं एवं मां भगवती के भक्तों को बैठक में आमंत्रित करते हुए कार्यक्रम को बनाने का आह्वान किया है।

इस बार मां धारी देवी की 21 दिवसीय डोली यात्रा उत्तराखंड के श्रीनगर से शुरू होकर रुद्रप्रयाग की केदार घाटी के तमाम धार्मिक स्थलों में होते हुए कुम्भ नगरी हरिद्वार पहुंचेगी। जहाँ कुम्भ स्नान कर मेरठ होते हुए दिल्ली पहुंचेगी और फिर दिल्ली-एनसीआर से वापस श्रीनगर आएगी। यात्रा के दौरान देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों द्वारा परंपरागत लोक वाद्य यंत्रों द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति का प्रचार-प्रसार और देवी-देवताओं की कथा का आह्वान किया जाएगा।

पिछले लम्बे समय से अपने गृह जनपद रुद्रप्रयाग की केदार घाटी में जनमानस के लिए लगातार काम कर रहे समाज सेवी एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा ने इस बार मां धारी देवी डोली यात्रा को केदारघाटी विभिन्न धर्मिक स्थलों में तक ले जाने की पूरी व्यवस्था का जिम्मा अपने ऊपर लिया है।

उल्लेखनीय है कि मूलरूप से रूद्रप्रायग जिले के दरम्वाड़ी गांव के रहने वाले संजय शर्मा दरमोड़ा उच्चतम न्यायालय दिल्ली में अधिवक्ता होने के साथ-साथ एक प्रमुख समाजसेवी भी हैं। संजय दरमोड़ा दिल्ली में रहकर भी निरंतर अपने गृह जनपद में जनसेवा के कार्यों में लगे रहते हैं। उनकी टीम द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में रूद्रप्रायग सहित उत्तराखंड के कई दूरस्थ गांवों में स्वास्थ्य जांच के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है। जिसमें वे ग्रामीणों को निःशुल्क दवाइयां तो प्रदान करते ही हैं, साथ ही इन शिविरों आए उन लोगों को जिन्हें ऑपरेशन और गंभीर बीमारियों की जांच की आवश्यकता होती हैं उन्हें इलाज के लिए देहरादून, ऋषिकेश और रूद्रप्रयाग स्थित बड़े अस्ततालों में भी लेकर जाते हैं। इसके अलावा उनकी टीम “नई सोच नई पहल” दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक कुष्ठ रोगियों तथा दिव्यांगजनों की जागरूकता के लिए निरंतर अभियान चला रही है। इसी तरह उनकी टीम शिक्षा के क्षेत्र में भी निरंतर काम कर रही है। उनके द्वारा पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में गरीब बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म से लेकर पुस्तक सामाग्री तक वितरित की जाती है। यही नहीं कई स्कूलों में बच्चों के पास बैठने के लिए टेबल-कुर्सियां नहीं होती हैं ऐसे स्कूलों को उनके द्वारा टेबल-कुर्सियां भी वितरित की गई हैं। साथ ही उनके द्वारा कई स्कूलों के जर्जर भवनों को भी दुरुस्त कर नये क्लासरूम भी बनाए गए हैं।