नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रखी। नए संसद भवन के भूमि पूजन के दौरान सर्वधर्म प्रार्थना भी की गई, जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और अन्य धर्मों के धर्मगुरु ने प्रार्थना की। 971 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए संसद भवन का निर्माण अगस्त 2022 तक पूरा करने की तैयारी है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो सके। त्रिभुज के आकर का नया संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में बन रहा है। मौजूदा संसद भाव के नजदीक ही बन रहे नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा लोकसभा से तीन गुना ज्यादा होगा। वहीं राज्य सभा का भी आकार बढ़ेगा। नए संसद भवन में चार मंजिली इमारत होगी। नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त होगा। सोलर सिस्टम से ऊर्जा बचत भी होगी।
कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वरा किया जा रहा है। नए संसद भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, नया संसद भवन नए भारत की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप होगा। यह अगले 100 साल की जरूरतों के मद्देनजर बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ने पर भी कोई दिक्कत न आए। नया संसद भवन 971 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। जबकि मौजूदा संसद भवन करीब 92 साल पहले 83 लाख में बना था था।
नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त होगा। सोलर सिस्टम से ऊर्जा बचत भी होगी। मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। नई लोक सभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्य सभा के आकार में भी वृद्धि की गई है।
नए भवन की सज्जा में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिलाजुला स्वरूप होगा। डिजाइन योजना में केंद्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है। आम लोग इसे देख सकेंगे। इसके अलावा पर्यावरण अनुकूल कार्यशैली का इस्तेमाल भी होगा। नए भवन में उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि तथा दृश्य-श्रव्य सुविधाएं, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी। इमारत उच्चतम संरचनात्मक सुरक्षा मानकों का पालन करेगी। भूकंप के तेज झटके भी इमारत झेल लेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया आज का दिन ऐतिहासिक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और मील का पत्थर साबित होगा। देश में अब भारतीयता के विचारों के साथ नई संसद बनने जा रही है, हम देशवासी मिलकर संसद के नए भवन को बनाएंगे। जब भारत अपनी आजादी के 75वें साल का जश्न मनाएगा, तब संसद की इमारत उसकी प्रेरणा होगी। पीएम मोदी ने कहा कि मैं वो पल कभी नहीं भूल सकता, जब पहली बार 2014 में पहली बार मैं संसद भवन में आया था तब मैंने सिर झुकाकर नमन किया था। मौजूदा संसद भवन ने आजादी का आंदोलन, स्वतंत्र भारत, आजाद सरकार की पहली सरकार, पहली संसद, संविधान रचा गया।
नए संसद भवन की डिजाइन पर कांग्रेस ने उठाया स्वदेशी और विदेशी का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन की नींव रखने के तुरंत बाद कांग्रेस पार्टी ने पुराने और नए संसद भवन की डिजाइन की तुलना करते हुए बताया स्वदेशी और विदेशी का मुद्दा उछाल दिया। साथ ही कहा कि नया संसद भवन बनाना अंतिम संस्कार के वक्त डीजे बजाने जैसा है। कांग्रेस पार्टी के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने कहा कि पुराना संसद भवन का आकार मध्य प्रदेश के चौसठ योगिनी मंदिर जैसा है जबकि नई बनने वाली बिल्डिंग अमेरिकी सरकार के रक्षा विभाग की बिल्डिंग पेंटागन जैसा है। कांग्रेस नेता के इस ट्वीट पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। कोई नई बिल्डिंग को गैर-जरूरी बता रहा है तो कोई सरकार के फैसले के साथ खड़ा है। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, ‘नई इमारत की आधारशिला रखने का निर्णय हृदयहीन, संवेदनहीन और बेशर्मी से भरा है। खास कर ऐसे समय में जब देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। बीजेपी लोगों को राहत देने के बजाय फालतू जुलूस निकाल रही है।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार का ये कदम अंतिम संस्कार के वक्त डीजे बजाने के बराबर है। एक तरफ, काले कृषि कानूनों के माध्यम से भाजपा ने किसानों की आजीविका पर बुलडोजर चला दिया, दूसरी तरफ वह जनता का पैसा भवन निर्माण पर खर्च कर रही है, जिसकी जरूरत नहीं थी, लेकिन वो ऐसा कर रही है अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए।’ शेरगिल ने दावा किया कि महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में नए संसद भवन की आधारशिला रखने का काम ‘किसानों से रोटी छीनने के बाद केक की दुकान खोलने’ जैसा है।
पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/ZsHe8Wmlcj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
Well, the existing Parliament building built by the Brits bears a remarkable similarity to the Chausath Yogini Temple in Morena in Madhya Pradesh, while the new ‘atmanirbhar’ Parliament building bears an eerie likeness to the Pentagon in Washington DC. pic.twitter.com/Hy2u6fzlms
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 10, 2020