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राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने रविवार को सँयुक्त मोर्चा की उत्तराखंड टीम को 01 जनवरी के काला दिवस कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि 01 जनवरी के दिन राज्य के 78000 NPS कर्मचारियों के साथ किये गए अन्याय का विरोध है।

गौरतलब है कि 01 जनवरी 2004 को पुरानी पेंशन ब्यवस्ता बन्द किये जाने के कारण इस दिन को कर्मचारियों द्वारा काला दिवस के रूप में मनाने जा रहे हैं। देश के 66 लाख कर्मचारियों में से राज्य के 78000 अधिकारी, शिक्षक कर्मचारी NPS के दंश को झेल रहे हैं। पूरे देश से र्मचारियों द्वारा NPS योजना का विरोध हो रहा है। इसी क्रम में प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी व प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल के नेतृत्व में NPS कर्मचारियों की मांग को राज्य सरकार ने सुनकर केंद्र को पत्र लिखा है। साथ ही यह काबिल ए तारीफ है कि राज्य के कैबिनेट मंत्रियों को इस बाबत अवगत कराने पर उन्होंने सकारात्मक कदम उठाते हुए सरकार को इस बाबत पत्र लिखा है।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा उत्तराखंड पुरानी पेंशन की लड़ाई में निर्धारक की भूमिका निभा रहा है। शीघ्र पुरानी पेंशन बहाली के लिए अधिक मजबूती से प्रयास किये जायेंगे।

कर्मचारी 1 जनवरी 2021को मनाएंगे काला दिवस

रविवार दिनांक 27 दिसम्बर 2020 को प्रदेश कोर कमेटी की ऑनलाइन बैठक में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में 01 जनवरी को काला दिवस मनाने का निर्णय किया है इस कार्यक्रम को प्रत्येक कर्मचारी व्यक्तिगत स्तर पर बल देने का प्रयास करेगा। 01 जनवरी 2004 के दिन ही केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की सुविधा से वंचित कर दिया था। इसी के विरोध में कार्मिकों ने इस दिन को काले दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है

इस दिन सभी NPS कर्मचारी

1- कार्यस्थलों में काली पट्टी, काला मास्क पहनकर विरोध जताएंगे

2- अपने सभी सोशल मीडिया एकाउंट पर काली तस्वीर लगाएंगे

राज्य में लगातार कर्मचारी कोरोना काल में अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर संकटकाल में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। इस निर्वहन के दौरान लगातार राजकीय कार्मिक कोरोना ग्रस्त होकर मृत्यु को प्राप्त भी हो रहे हैं। इस स्थिति में उनके परिवार के पास पारिवारिक पेंशन तक प्राप्त नहीं। ऐसे संकट काल मे लगातार कर्मचारियों में अपनी सुरक्षा के प्रति सरकारी उदासीनता को लेकर रोष है।

पुरानी पेंशन के होने से कर्मचारी के जीवन मे एक सुरक्षित भविष्य के लिए संकटों से लड़ने के लिए ढाल थी आज कर्मचारी भविष्य में आने वाले संकट से लड़ने के लिए निहत्था है।

प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कर्मचारी सरकार के साथ प्रत्येक निर्णय पर कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। अपने जीवन के स्वर्णिम वर्ष वह देश के विकास में योगदान करते हुए बिताता है। देश को आयकर से लेकर आपदा में प्रत्येक स्थिति में समर्थन देता है। परन्तु उसकी सेवानिवृति के बाद आज कर्मचारी भीख मांगने को मजबूर है। प्रधानमंत्री जी ने देश को आत्मनिर्भरता का नारा दिया परन्तु बुढापे में जब हाथ पैर किसी काम के न हों और जेब खाली हो तो किस प्रकार आत्मनिर्भरता के उद्देश्य को पूर्ण किया जाय। इसलिए सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान देने की कृपा कर पुरानी पेंशन को बहाल करे

प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि देश में कोरोना की महामारी से कई कर्मचारी अपनी जान गंवा रहे हैं और सरकार के पास उसके आंकड़े तक नहीं। ये सोचनीय विषय है। देश मे निजी व सार्वजनिक क्षेत्र मिलाकर 4 करोड़ से ज्यादा NPS  कार्मिक हैं जिनमे से मात्र 60 लाख ही सार्वजनिक क्षेत्र से है। ये मांग मात्र सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों की है जिसमे, कर्मचारी ,शिक्षक, रेलवे, पैरामिलिट्री के सेवक शामिल हैं। जिनका 4 -6 लाख करोड़ रुपया शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है। जिसमें सेवानिवृत्त होने के बाद 1000 रुपये से भी कम मासिक पेंशन प्राप्त हो रही है। शेयर मार्केट के पैसे सरकार देश के आर्थिक विकास में उपयोग कर । कार्मिकों को उनके ससम्मान जीवन का हक़ देकर पुरानी  पेंशन को लागू कर सकती है।

इस बैठक में मिलिन्द बिष्ट, देवेंद्र बिष्ट, प्रवीण भट्ट, योगिता पन्त, कपिल पांडे, जयदीप रावत, नरेश भट्ट, सौरभ नौटियाल, कमलेश मिश्रा, सुमन पांडेय, जसपाल रावत, राजपाल बिष्ट, मंगल नेगी, भवान सिंह नेगी, पूरन फर्स्वाण, सतीश कुमार, मुरली भट्ट, गुरदेव रावत, हिमांशु जगूड़ी, डॉ नवीन सैनी, प्रेंनचन्द ध्यानी, डॉ डीएस नेगी, राकेश रावत, महेश गिरी, मनोज भंडारी, डॉ योगेश रोहाली, सोहन नेगी इत्यादि पदाधिकारियों द्वारा उत्तराखंड में 01 जनवरी 2021 को काला दिवस मनाए जाने हेतु सभी कार्मिको से अपील की गई ताकि पेंशन बहाली की आवाज केंद्र सरकार और राज्य सरकार तक जाय।