शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर राजकीय शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने ब्लॉक अध्यक्ष अब्बल सिंह रावत की अध्यक्षता में लैंसडाउन विधायक महंत दलीप रावत से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने विधायक को शिक्षकों के विभिन्न समस्याओं से अवगत कराकर निस्तारण की मांग की।
इस अवसर पर जिला मंत्री मनमोहन सिंह चौहान ने अवगत कराया कि प्रदेश के करीब 80% विद्यालय प्रधानाचार्य विहीन हैं। जिसके कारण शैक्षणिक व्यवस्थाओं में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, साथ ही शिक्षकों की पदोन्नति नहीं होने से शिक्षक एक ही पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। यदि सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार चाहती है तो प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर प्रतिवर्ष पदोन्नति की जानी चाहिए। इसके अलावा प्रदेश में स्थानांतरण एक्ट लागू होने के बावजूद स्थानांतरण का प्रतिशत कम होने के कारण वर्षों से दुर्गम में कार्यरत शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण कई शिक्षक पूरी सेवा दुर्गम में रह कर सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
शिक्षकों को शैक्षिक उन्नयन गोष्ठियों के लिए पूर्व में विभाग द्वारा अवकाश दिया जाता था, परंतु विगत 2 वर्षों से अवकाश बंद कर दिया गया है। जबकि अन्य शैक्षिक संस्थानों व विभागों में अवकाश दिए जाने की व्यवस्था आज भी है। शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार जनवरी माह में शीत अवकाश घोषित है, परंतु माध्यमिक विद्यालयों में वर्तमान समय में शीत अवकाश बंद किया गया है, जबकि अन्य संस्थानों में अवकाश घोषित है। वर्तमान में ठंड के कारण शीतलहर का प्रकोप जारी है, तथा कोरोना महामारी फैलने का भय बना हुआ है, ऐसे में सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षकों के साथ दोहरा मापदंड अपनाया जाना ठीक नहीं है, क्योंकि शिक्षक पूरे संक्रमण काल में जरूरतमंदों की सेवा, कोविड-19 ड्यूटियां, बोर्ड परीक्षा एवं मूल्यांकन जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन करते रहे।
विधायक दिलीप रावत द्वारा प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि वे अपने स्तर से सक्षम स्तर पर वार्ता कर शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में मनमोहन सिंह चौहान, मुकेश रावत, अब्बल सिंह, डबल सिंह रावत, रतन सिंह बिष्ट, धीरेंद्र सिंह रावत, पारितोष रावत, पंकज ध्यानी आशीष खर्कवाल, कुलदीप सिंह नेगी, सुरेंद्र रावत, अखिलेश नेगी व राजेंद्र भंडारी आदि उपस्थित थे।
मनमोहन सिंह चौहान
जिला मंत्री पौड़ी