herbal tea campaign

कोठारी पर्वतीय विकास समिति के सुनील दत्त कोठारी द्वारा चेलुसैण, ब्लॉक द्वारीखाल, पौड़ी गढ़वाल में 24 फरवरी से 26 फरवरी 2021 तक कंडाली बिच्छू बूटी की हर्बल चाय का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनेक क्षेत्रीय अधिकारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की। दाना पानी रेस्टोरेंट के अरविंद सिंह भंडारी के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में  द्वारीखाल ब्लॉक से जियाउल हसन, बीएमएम, एनआरएलएम,  रुचि देवी पीआरपी, ग्राम प्रधान सुराडी नीलम देवी, संदीप रावत वीडियो ऑडी, नरेंद्र सिंह फूड इंस्ट्रक्टर उद्यान विभाग, प्रकाश जोशी हिम्मोत्थान सोसाइटी, रेखा देवी आईपीआरपी एनआरएलएम आदि अधिकारी उपस्थित रहे।  कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सामूहिक गान के साथ की गई। हर्बल चाय विशेषज्ञ सुनील दत्त कोठारी ने कंडाली के कई वनस्पति महत्व, उपयोग, बाजारीकरण एवं गुणवत्ता विधि पर चर्चा करने के साथ पाठ्यक्रम के रूप में क्रमबद्ध प्रशिक्षण दिया। साथ ही पत्तियों का संग्रह, उपचार विधि, मिश्रण विधि एवं पैकिंग के साथ-साथ गुणवत्ता साफ-सफाई जैसे विषय पर भी विस्तृत जानकारी प्रशिक्षण के माध्यम से उपलब्ध कराई गई।  प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्षेत्रीय ब्लॉक स्तर की कई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भागीदारी की। मुख्य रूप से सुनाडी, चावरा, तोल्लू, सिमलिया, चेलुसैण, मस्तखल, शीला डंडा, खेतड़ी या, जूंड, बामोली, कलसी, कंडाखनी, चवरा, सोड, दुलबालन खेत, दिकत, आदि समूह के साथ साथ कुल 325 महिलाओं ने भागीदारी रही।

महिलाओं में द्वारीखाल ब्लॉक की स्वयं सहायता समूह की भागीदारी प्रमुख रही। कोठारी ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रमाण पत्र भी वितरित किए जाएंगे। साथ ही साथ सभी प्रमाण पत्र टी कॉफी एसोसिएशन मुंबई एवं एचपीएमएफ मुंबई से मान्यता प्राप्त है। ये संस्थाएं जो पाठ्यक्रम में वस्तु गुणवत्ता एवं बाजारीकरण में सहायक रहेगा। होटल परचेज मैनेजर फोरम मुंबई समस्त भारतवर्ष में हर्बल चाय का मार्केट एवं प्रचार करने में सहायक रहेगा। कोठारी पर्वतीय विकास समिति का लक्ष्य वित्तीय 2021- 2022 वर्ष में 11,000 लोगों को प्रशिक्षण देने के मुहिम में लगा हुआ है। सुनील बताते हैं कंडाली बिच्छू बूटी की चाय खाली पत्तियां नहीं है, अपितु ड्राई प्रोसेस, लीफ ट्रीटमेंट एवं मिक्सिंग मेथड को आधुनिक रूप से विकसित किया गया है, ताकि पत्तियों में पाई जाने वाली औषधीय गुण को बढ़ाया जा सके, साथ ही हर्बल चाय को बनाने की विधि हाथों के द्वारा ही है। फूड सेफ्टी एंड हाइजीन का विशेष ध्यान रखा गया है। यही इस पाठ्यक्रम की उपलब्धता है उत्तराखंड के परिपेक्ष में वनस्पतियों का आधार लेकर उत्तम किस्म की हर्बल चाय प्रस्तुत करना।

आगे सभी समूह के द्वारा उत्पादन प्रबल रहेगा तथा नई नई बाजार की संभावनाओं को तलाश किया जायेगा। ब्लाक प्रमुख महेंद्र सिंह राणा ने कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी तथा सुनील दत्त कोठारी के प्रयास की सराहना की। विनीता देवी समाजसेवी एवं आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्य करने वाली क्षेत्रीय महिला का योगदान कार्यक्रम को सुचारू पूर्ण एवं उद्देश्य पूर्ण बनाने के लिए मुख्य रहा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीमा देवी, सुमन देवी, जसोदा देवी, रोशनी देवी, रजनी देवी, कुसुम देवी, पूनम देवी, आशा देवी, विमला देवी, चंद्रकला देवी, कविता देवी, यशोदा देवी आदि महिलाओं की मुख्य भूमिका रही।