Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat resigns: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार शाम राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके त्यागपत्र के साथ ही कैबिनेट भंग हो गई है। अब कल यानी बुधवार को देहरादून में बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। उम्मीद की जा रही है कि कल ही नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। राज्यपाल ने नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति होने और पदभार ग्रहण करने की अवधि तक त्रिवेंद्र सिंह रावत से राज्य में कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।
इस्तीफा देने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मैं लंबे समय से राजनीति कर रहा हूं। चार वर्षों से पार्टी ने मुझे सीएम के रूप में सेवा का मौका दिया। मैं सोच नहीं सकता था कि मैं कभी मुख्यमंत्री बन सकता हूं लेकिन बीजेपी ने मुझे सेवा करने का मौका दिया।
क्यों देना पड़ा त्रिवेंद्र रावत को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा?
त्रिवेन्द्र सिंह रावत के इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह पार्टी में नाराजगी बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी में विधायकों और कुछ मंत्रियों में नाराजगी के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। पार्टी के भीतर और बाहर विधायकों की नाराजगी की चर्चाएं गाहे बगाहे सुनाई देती रहीं, लेकिन मुख्यमंत्री खेमा अंदर ही अंदर सुलग रहे अंसतोष को नहीं भांप सका। विधायकों की नाराजगी कभी अफसरशाही की मनमानी के विरोध के रूप में तो कभी उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास योजनाओं के तौर पर सामने आती दिखीं।
उनका ये असंतोष कई बार विधानसभा में अपनी ही सरकार के असहज करने वाले सवालों की शक्ल में सामने आया। लोहाघाट के विधायक पूरन फर्त्याल इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर ही प्रश्न खड़े कर दिए। सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये इस मुद्दे उठाने की कोशिश पर सरकार की खूब किरकिरी हुई। इसे मुख्यमंत्री के खिलाफ सीधा मोर्चा खोलने की कवायद के तौर पर देखा गया।
विभागों का असमान बंटवारा : प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद विभागों का असमान बंटवारा निरंतर सुर्खियों में रहा। मुख्यमंत्री ने 40 से अधिक विभाग अपने पास रखे। यदि इनका बंटवारा हो गया होता तो इनसे संबंधित कार्यों की रफ्तार भी बढ़ती।
बेलगाम नौकरशाही : पिछले चार सालों के दौरान बेलगाम नौकरशाही भी सुर्खियों में रही। मंत्री, विधायकों से लेकर जनमानस तक नौकरशाही के रवैये से जूझता रहा। फिर भी नौकरशाही के पेच कसने में सुस्ती का आलम रहा।
हालाँकि मीडिया द्वारा इस्तीफे का कारण पूछने पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पार्टी की ओर से सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया कि प्रदेश की कमान संभालने के लिए किसी और को यह मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्यादा जानकारी के लिए आप लोगों को दिल्ली जाना होगा।
अगला सीएम कौन?
त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसके लेकर फिलहाल कुछ नाम चर्चा में हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री की रेस में धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे चल रहा है। उत्तराखंड भाजपा में संगठन मंत्री रह चुके धन सिंह रावत 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार श्रीनगर से विधायक बने हैं। मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले धन सिंह रावत का जन्म सात अक्तूबर 1971 को हुआ था। धन सिंह रावत वर्तमान में उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्यमंत्री हैं।
इसके अलावा नैनीताल-उधमनगर सीट से लोकसभा सांसद अजय भट्ट, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी तथा आध्यात्मिक गुरु सतपाल महाराज के नामों के भी कयास लगाये जा रहे हैं।
मैंने अभी अपना त्याग पत्र राज्यपाल को सौंप कर आया हूं। कल BJP मुख्यालय पर 10 बजे पार्टी विधानमंडल दल की बैठक है। सभी विधायक वहां मौजूद रहेंगे: त्रिवेंद्र सिंह रावत, BJP https://t.co/fBGP1zBbwr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 9, 2021