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पौड़ी गढ़वाल : उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में दैवीय आपदा का संकट सैदव बना रहता है। ऐसे में आपदा प्रवंधन विभाग के अलावा लोक निर्माण विभाग के ऊपर भी बड़ी जिम्मेदारी रहती है। और इस कोरोना संकट काल में तो इन विभागों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। लेकिन जिस तरह से पौड़ी जनपद के कल्जीखाल ब्लॉक के अंतर्गत से खबर आ रही है कि कोविड सेवाओं में लगे वाहनों एवं कर्मचारियों को पौड़ी-कांसखेत-सतपुली मोटर मार्ग पर गिरे एक चीड़ के पेड़ की वजह से करीब 18 घंटे का इंतजार करना पड़ा। उसको देखते हुए तो लगता है कि सम्बंधित विभाग इस कोरोना महामारी में भी अपनी जिम्मेदारियों को समझने को तैयार नहीं हैं। और सरकार की कोशिशों को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कल यानी मंगलवार शाम करीब 4 बजे पौड़ी-कांसखेत-सतपुली प्रांतीय राजमार्ग (32) पर छजोलीधार के नजदीक चीड़ का एक भारी भरकम पेड़ सड़क के बीच में गिर गया। जिसके चलते कोविड आपदा में आवश्यक दवाइयां से भरा हुआ ट्रक, खाद्यान्न के ट्रक, कोरोना मरीज को 108 अम्बुलेंस से पौड़ी जिला चिकित्सालय ले जाने वाली एम्बुलेंस वैन, के अलावा कोविड आपदा सेवाओं में अपनी सेवायें देने जा रहे कल्जीखाल ब्लॉक का कई कर्मचारीगण उक्त मार्ग में आवाजाही अवरुद्ध हो जाने के कारण अटक गए। Pauri-Kanshet-Satpuli-motor

सूत्रों के मुताबिक सड़क पर पड़े पेड़ को हटाने के लिए लोगों ने लोनिवि तथा आपदा कंट्रोल कक्ष में भी कॉल किया लेकिन कोई विभाग हरकत में नही आया। लोनिवि के पास पेड़ हटाने के लिए जेसीबी तक नही है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घण्डियाल के कोरोना टीकाकरण में लगे एक निजी वाहन चालक ने बताया कि कल अगरोडा से वैकशीन लगाकर लौटने के बाद हमने दूसरा वाहन बुलाया और तब जाकर सेंटर में पहुंचे। लोगों का कहना है कि लोनिवि कहीं से भी जेसीबी की व्यवस्था कर सकता था या मजदूर लगाकर चीड़ के पेड़ को हटवा सकता था, परन्तु ऐसा नहीं हुआ। वहीँ वन विभाग के पास इन दिनों फॉयर वाचमैन मौजूद है। आजकल बारिश के चलते आगजनी की घटनायें भी बंद हो गई हैं। ऐसे में पेड़ हटाने के लिए इन लोगों को भी कहा जा सकता था। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आखिकार जब यह मामला मीडिया तक पहुंचा तो मीडिया कर्मियों को पेड़ हटाने के लिए जिलाधिकारी गढ़वाल एवं वन मंत्री तक को पेड़ हटाने के लिए शिकायत करनी पड़ी। जिसके बाद सड़क पर पड़े एक पेड़ को काटने के लिए फॉयर सर्विस विभाग को 22 किलोमीटर दूर पौड़ी से आना आना पड़ा। आखिरकार फॉयर सर्विस चालक दीपक चौहान, नरेन्द्र कुमार तथा राहुल थापा एवं मुकेश कुमार, प्रवेन्द्र सिंह तथा दीपक आदि ने उड़न कट्टर से पेड़ को काटकर सड़क से हटाया। तब जाकर 18 घण्टे के उपरांत आज करीब 11 बजे पौड़ी-कांसखेत-सतपुली मार्ग आवाजाही के लिए खुला।

जगमोहन डांगी