• ऑनलाइन शॉपिंग, रोबोट डिलीवरी, डिजिटल एवं कॉन्टेक्टलेस पेमेंट आदि विषयों पर हुई चर्चा
  • अवसर एवं चुनौतियों का सामना करके ही अर्थव्यवस्था को बनाया जा सकता है मजबूत

ग्रेटर नोएडा : विश्वव्यापी कोरोना महामारी का प्रभाव शिक्षा, उद्योग जगत सहित लगभग हर क्षेत्र पर पड़ा है। कोरोना ने लोगों की कार्यशैली बदलकर रख दी है। साथ ही रोजगार सहित कई चुनौती भी पैदा हो गई है। कोरोना वायरस हाल के रूझान, अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी- भविष्य के व्यवसाय पर चर्चा करने के लिए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वचरुअल सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान देश विदेश के विद्वानों ने ऑनलाइन शॉपिंग, रोबोट डिलीवरी, डिजिटल एवं कॉन्टेक्टलेस पेमेंट, रोबोटिक्स, ड्रोन, 5जी और इंफाम्रेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी आदि विषयों पर चर्चा के साथ इस पर आधारित 150 से अधिक शोध प्रस्तुत किए गए। मंगलमय इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी एवं ग्लोबल रिसर्च फाउंडेशन केएएवी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित सम्मेलन में वाइस चेयरमैन आयुष मंगल ने कोविड-19 के पश्चात शिक्षा जगत पर पड़ने वाले प्रभावों से अवगत कराया। वहीं केएएवी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की निदेशिका डॉ.कीर्ति अग्रवाल ने शोधकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ही वह स्थान है, जहां विभिन्न प्रकार के विषयों पर शोधकर्ता अपने शोधों का वर्णन कर सकते हैं। संस्थान के डायरेक्टर कॉरपोरेट रिसर्च अरुण राणा ने बताया कि बदलते युग में युवाओं में अत्याधिक प्रतिभा और कौशल की आवश्यकता है। पदोन्नति के लिए न केवल शैक्षणिक शिक्षा अपितु आज के युवा को समाज के प्रति दायित्व को समझना भी आवश्यक है। दो दिवसीय सम्मेलन में 150 से अधिक शोध प्राप्त हुए,जिनमें से 92 को प्रमाणित किया गया। फिलिपीस विविद्यालय के प्रो. डॉ. जीनाबी एलकोर्जिया ने कोविड-19 के देश विदेश में होने वाले प्रभावों एवं चुनौतियों का वर्णन किया। वहीं घाना के प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद मजीद ने बताया कि युवा एक बहुत बड़ी शक्ति होती है,जो किसी भी देश की अर्थव्यस्था को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। वहीं प्रो. इब्राहिम शुऐब ने बताया कि अवसर एवं चुनौतियों का सामना करके ही अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा सकता है। इस मौके पर संस्थान के चेयरमैन अतुल मंगल, वाइस चेयरमैन आयुष मंगल, डायरेक्टर कॉरपोरेट अरुण राणा, डॉ. मुनीश तिवारी, डॉ. आशुतोष गौड़, डॉ. अंशु गोयल, डॉ. श्वेता कुलश्रेष्ठ, डॉ. राजकुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।