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श्रीनगर गढ़वाल : सरकार द्वारा ट्रांसफर सत्र शून्य किए जाने पर शिक्षकों ने नाराजगी जताई है। राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व मण्डलीय मंत्री शिव सिंह नेगी ने कहा है कि सरकार के इस निर्णय से वर्षों से दुर्गम में सेवा दे रहे शिक्षकों को गहरा आघात लगा है। शिक्षक लंबे समय से सुविधाजनक स्थानों पर पर तबादला की उम्मीद लगाए थे, किंतु सरकार के इस निर्णय से सबको बड़ा धक्का लगा है। सरकार ने भले ही तबादला कानून बनाया हो किंतु कानून निर्माण से शिक्षकों को लाभ और न्याय के स्थान पर हानि और अन्याय ही मिल रहा है। सरकार को शीघ्र इस निर्णय को वापस लेना चाहिए।

शिव सिंह नेगी ने कहा कि शिक्षक और अन्य कार्मिकों की परिस्थितियों में अंतर है, लिहाजा एक ही व्यवस्था से नियंत्रित करना औचित्यपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की जायज समस्याओं का निदान भी नहीं किया जा रहा है। उन्हें तबादला की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। बीते चार वर्षों से जरूरत मंद शिक्षकों के तबादले हुए ही नहीं है। यह शिक्षक हितों की घोर अनदेखी के साथ ही सरकार की विफलता भी है। उन्होंने कहा कि धारा 27 में भी अभी तक सूचियां निर्गत नहीं हुई हैं, इससे भी शिक्षक निराश हैं। उन्होंने कहा कि अन्तरमंडलीय स्थानांतरण के लिए भी लंबे समय से मांग की जा रही है कि, मंडल परिवर्तन चाहने वाले शिक्षकों की जायज समस्या का समाधान किया जाए किंतु कोरे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं किया जा रहा है। पूर्व मंडलीय मंत्री ने सरकार से शून्य सत्र किए जाने संबंधी निर्णय को शीघ्र वापस लेने की मांग की है।