PIIT College

जिन बच्चों के अभिभावकों की चली गई है नौकरी उन्हें फीस में दी जाएगी 50 फीसद की छूट                       

ग्रेटर नोएडा : कोरोना महामारी के दौरान लोगों को बहुत दुख झेलने पड़े हैं। काम धंधा चौपट होने के साथ किसी को नौकरी से हाथ धोना पड़ा तो कुछ बच्चों के सर के ऊपर से माता-पिता का साया ही उठ गया। संकट की इस घड़ी में अनाथ बच्चों की मदद के लिए ग्रेटर नोएडा स्थित प्रिंस इंस्टीट्यूट ऑफ इनोवेटिव टेक्नोलॉजी (पीआईआईटी) ने सराहनीय कदम उठाया है। कालेज प्रबंधन दो सौ अनाथ बच्चों को प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक नि:शुल्क शिक्षा देने की घोषणा की है। यही नहीं जिन बच्चों के माता- पिता की कोविड-19 के कारण नौकरी चली गई है, उन बच्चों की सभी कोर्सेस में आधी फीस कर दी जाएगी। यह जानकारी संस्थान के चेयरमैन प्रो. डॉ. भरत सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान दी। प्रो. डॉ. भरत सिंह बताया कि कोरोना महामारी के कारण जिन बच्चों के माता- पिता की मौत हो गई है,उन बच्चों को ग्रुॅप द्वारा संचालित किए जा रहे स्कूल एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में स्कूली शिक्षा (कक्षा 1 से 12वीं तक), बीबीए, बीसीए, एमबीए, बीएड, बीटीसी, डिप्लोमा पॉलीटेक्निक, नर्सिग, फाम्रेसी, बीटेक, एमटेक आदि में नि:शुल्क शिक्षा दिए जाने का निर्णय लिया गया है। अनाथ बच्चों से किसी तरह की फीस नहीं वसूली जाएगी। चेयरमैन ने बताया कि फीस के अलावा बाकी खर्च के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर सिंह खट्टर को पत्र लिखा है। अनुरोध किया है कि सरकार ने कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए जो सहायता देने की घोषणा की है,वह बच्चों के रहने व खाने पर खर्च की जाए। उन्होंने बताया कि पीआईआईटी प्रबंधन दो सौ अनाथ बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाएगा। साथ ही जिन बच्चों के माता- पिता के कोरोना महामारी की वजह से नौकरी चली गई है, उन बच्चों की सभी कोर्सेस में फीस आधी कर दी जाएगी। केंद्र सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को आगे बढ़ाते हुए पीआईआईटी प्रबंधन सभी बेटियों की फीस में 50 फीसद की छूट पहले से ही दे रहा है। वहीं प्रेसवार्ता में मौजूद गढ़वाल एवं कुमायूं विविद्यालय उत्तराखंड के पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. बीएस राजपूत ने सुझाव दिया कि जिन परिवारों में कमाने वाले व्यक्ति की मौत हो गई,उनके बच्चों की शिक्षा का जिम्मा भी उठाया जाए। मां के नौकरीपेशा न होने पर बच्चों की पढ़ाई लिखाई में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। प्रो.डॉ. बीएस राजपूत का कहना है कि कोरोना काल में मरने वाले कुछ लोगों का नाम रिकॉर्ड में कोविड के कारण मृत्यु नहीं  दर्ज नहीं है। ऐसे परिवारों के बच्चों के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए। भाजपा नेता और श्रम मंत्रालय के बोर्ड सदस्य आनंद साहू ने कहा कि पीआईआईटी प्रबंधन ने संकट की इस घड़ी में अनाथ बच्चों की पूर्ण शिक्षा का जो जिम्मा लिया है,यह एक साहसी कदम है। उन्होंने विद्यार्थियों को विभिन्न कंपनियों में प्लेस कराने का आासन दिया, जिससे बच्चों का भविष्य सुरक्षित बना रहे। इस मौके पर संस्थान के निदेशक आरके शाक्य आदि मौजूद रहे।