धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी के अवसर पर 20 जून और 21 जून को श्रद्धालु गंगा में स्नान नहीं कर पाएंगे। उत्तराखंड सरकार ने गंगा स्नान पर्व को कोरोना महामारी के चलते रद्द कर दिया गया है। सिर्फ तीर्थ पुरोहित और गंगा सभा के पदाधिकारी ही दोनों दिन पूजन कर सांकेतिक स्नान करेंगे। इस संबंध में हरिद्वार पुलिस ने जानकारी दी है। हरिद्वार पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से दूसरे राज्यों के श्रद्धालुओं से गंगा स्नान के लिए न आने की अपील की है। 20 जून को गंगा दशहरा का पर्व है। इसके साथ ही 21 जून को निर्जला एकादशी का व्रत और स्नान है।
जिन लोगों के पास 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और पंजीकरण होगा, वही हरिद्वार आ पाएंगे, लेकिन स्नान नहीं कर पाएंगे। एसएसपी के मुताबिक, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी स्नान पर्व पर हरकी पैड़ी पर सांकेतिक स्नान होगा।
एसएसपी डी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने कहा कि बाहरी राज्यों के श्रद्धालु 20 और 21 जून को गंगा स्नान करने हरिद्वार न आएं। शनिवार से ही सीमाओं को सील कर दिया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त फोर्स को तैनात कर दिया है। किसी भी यात्री को हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आने नहीं दिया जाएगा। दोनों दिन जिले की सीमाएं सील कर श्रद्धालुओं को लौटाया जाएगा।
सीमा पर तैनात पुलिसकर्मी उत्तराखंड की सीमा से एंट्री करने वाले प्रत्यके लोगों से जानकारी लेने के बाद ही हरिद्वार में प्रवेश करने देंगे। पहाड़ी राज्यों में जाने वाले लोगों को 72 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य है। इस संबंध में देर रात को पुलिस की ओर से एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय और प्रशासन की ओर से एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने श्रीगंगा सभा के पदाधिकारी के साथ बैठक भी की। इन दो दिनों में हरकी पैड़ी पर तीर्थ पुरोहितों को पूजा अर्चना की छूट दी जाएगी। अस्थि विसर्जन को आने वाले यात्रियों को कोई रोकटोक नहीं होगी।
हरकी पैड़ी एवं अन्य घाटों पर आम श्रद्धालुओं के स्नान पर रोक रहेगी। स्नान करते पकड़े जाने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हरिद्वार पुलिस की ओर से सोशल मीडिया से लोगों को यह जानकारी दी जा रही है।