United Front officials met cabinet minister Subodh Uniyal regarding "old pension restoration"

पौड़ी : राज्य व केंद्र कर्मचारियों की प्रमुख मांग “पुरानी पेंशन बहाली” को लेकर गुरुवार को संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से मिले। मोर्चा के पदाधिकारियों से पेंशन बहाली पर चर्चा करते हुए सांसद सुबोध उनियाल ने बताया कि सरकार पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है। वर्ष 2005 से पूर्व के वंचित कार्मिकों को पुरानी पेंशन का लाभ देने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। जिसका मैं भी एक सदस्य हूँ। सरकार पुरानी पेंशन वंचितो को पुरानी पेंशन से आच्छादित करने पर विचार कर रही है। साथ ही कर्मचारियों के इस अति आवश्यक मुद्दे पर सरकार कर्मचारियों का समर्थन करती है। जिसके सन्दर्भ में केंद्र से पत्राचार किया जाता रहा है। आगे भी कार्मिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

संयुक्त मोर्चे के जनपद पौड़ी महासचिव भवान सिंह नेगी ने कैबिनेट मंत्री को अवगत कराया कि नई पेंशन योजना में सेवानिवृत्त होने के बाद प्राप्त धनराशि गुज़ारे लायक भी नही है। सेवाकाल में मृत्यु होने पर मिलने वाली परिवारिक पेंशन भी अत्यंत अल्प है। पुरानी पेंशन योजना में प्राप्त जीपीएफ सुविधा से कर्मचारी को ऋण लेने की छूट थी जो कि नई पेंशन योजना में कहीं नही है। मोर्चे के पदाधिकारियों ने भविष्य के लिहाज से प्रत्येक सरकारी कर्मचारी इस योजना में स्वयं को ठगा महसूस कर रहा है जिसके कारण कर्मचारियों में अत्यंत रोष का माहौल है।

प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कैबिनेट मंत्री उनियाल से निवेदन करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन के लिए निर्मित कमेटी में 2005 के पूर्व वंचित के साथ-साथ बाद में नियुक्त हुए कार्मिकों का मुद्दा भी रखने की कृपा करें। क्योंकि स्थिति दोनो की समान ही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को अवगत कराते हुए प्रदेश महासचिव ने कहा कि आप ने पूर्व सरकार में मंत्री रहते हुए भी पुरानी पेंशन बहाली हेतु सरकार से अनुरोध किया था। अब संगठन के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली की आवश्यक मांग को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की कृपा करें। जिससे कार्मिक भी सरकार में भविष्य के लिए विश्वास जताया सकें और सबका साथ सबका विकास और सबके विश्वास की अवधारणा सत्य साबित हो।

प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने पुरानी पेंशन बहाली के बाबत हर सम्भव पटल तक इस मुद्दे को पहुंचाने का आश्वासन दिया और कहा कि शीघ्र इस मुद्दे की गम्भीरता से सरकार को अवगत कराया जायेगा और कार्मिक हित में जरूरी निर्णय निश्चित ही लिए जाएंगे। ज्ञापन वालों में डॉ.  कमलेश मिश्रा प्रदेश प्रेस सचिव भी थे।