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Tokyo Olympics 2021: टोक्यो ओलंपिक का 16वां दिन भारत के लिए स्वर्णिम एवं ऐतिहासिक दिन रहा। भारत के 23 वर्षीय युवा एथलीट नीरज चोपड़ा ने आज टोक्यो ओलिंपिक में देश के लिए इतिहास रच दिया है। भारत के नीरज चोपड़ा ने आज पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में देश को पहला गोल्ड मेडल दिला दिया है। इसके साथ ही नीरज चोपड़ा देश के लिए गोल्ड जीतने वाले पहले एथलीट बन गए हैं। इसके अलावा वे भारत की तरफ से ओलिंपिक इतिहास में गोल्ड मेडल जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी बने। उनसे पहले यह कमाल शूटर अभिनव बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में किया था। उसके बाद आज भारत को ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मेडल मिला है। उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 87.58 मीटर का है। नीरज ने जर्मनी के जोहानेस वेटेर को पीछे छोड़ा था जो स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे।

फाइनल मुकाबले में नीरज की शुरुआत अच्छी रही और उन्होंने पहले थ्रो में 87.03 मीटर भाला फेंककर अपने इरादे जाहिर कर दिए। पहला राउंड खत्म होने के बाद वो पहले स्थान पर रहे। दूसरे थ्रो में नीरज ने पहले से ज्यादा दम दिखाते हुए भाले को 87.58 मीटर दूर फेंका। दूसरे राउंड में भी वो पहले स्थान पर रहने में कामयाब रहे। तीसरे थ्रो में नीरज थोड़ा नीचे आ गए और 76.89 मीटर भाला ही फेंक पाए, लेकिन फिर भी वे टॉप पर बने रहे। चौथे राउंड में उनके थ्रो को अमान्य करार दिया गया, लेकिन इसके बावजूद वो पहले स्थान पर बने रहे। पांचवें राउंड में नीरज चोपड़ा का थ्रो फिर से अमान्य करार दिया गया इसके बावजूद वो टॉप पर मौजूद रहे। छटवें और फाइनल राउंड में नीरज ने सबसे ज्यादा दूर 87.58 मीटर भाला दूसरे राउंड में फेंका था और किसी अन्य खिलाड़ी ने इस दूरी को पार करने में कामयाबी हासिल नहीं की और इसके आधार पर उन्हें गोल्ड मेडल विनर करार दिया गया।

नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रो में कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक को जीतने वाले वह दूसरे भारतीय हैं।

23 वर्षीय नीरज चोपड़ा सेना में अधिकारी हैं और उन्होंने पहली बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। वह हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव के एक किसान परिवार से आते हैं उनकी शिक्षा डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ से हुई। 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद के साथ भारतीय सेना में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी नियुक्त किया गया था।

नीरज ने अपनी मेहनत और संघर्ष के बल पर टोक्यो में भारत का तिरंगा सबसे ऊंचा किया। देश में क्रिकेटरों के अलावा अन्य खिलाड़ियों को उतनी पहचान नहीं मिलती जितनी मिलनी चाहिये लेकिन नीरज चोपड़ा केवल 23 साल की आयु में इतिहास रचकर सभी युवाओं के लिये प्रेरणा बन गये।

बजरंग पूनिया ने भारत के लिए जीता ब्रॉन्ज मेडल

भारत के स्टार रेसलर बजरंग पूनिया ने फ्री स्टाइल कुश्ती के 65 किलोग्राम वर्ग में कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में शानदार शुरुआत करने के बाद बजरंग सेमीफाइनल मुकाबला हार गए थे। बजरंग के पिता ने कहा था कि बेटा आज तक कभी खाली हाथ नहीं लौटा है, वह ब्रॉन्ज जरूर लाएगा। पूरे देश की दुआएं उसके साथ हैं। एक महीना पहले उसके घुटने में चोट लग गई थी, फिर भी वह सेमीफाइनल तक पहुंचा। बजरंग ने पिता की बात को सच कर दिखाया है। भारत ने इसके साथ ही सबसे सफल रहे 2012 लंदन ओलिंपिक के मेडल रिकॉर्ड तोड़ दिया है। गौरतलब है कि लंदन में भारतीय दल ने 6 मेडल जीते थे।