देहरादून : उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री के दावेदार कर्नल अजय कोठियाल मंगलवार को सचिवालय में जब हाथ में टिफिन और बंदूक लेकर चौकीदार की नौकरी को ज्वाइन करने पहुंचे तब वहां मौजूद अधिकारी हैरान रह गए। इसके साथ लोगों को भी विश्वास नहीं हुआ। दरअसल कोठियाल सही मायने में चौकीदार की नौकरी ज्वाइन करने नहीं गए थे बल्कि उनका इरादा राज्य में बेरोजगारों के साथ हो रही लूट और भ्रष्टाचार को उजागर करना भी था। सचिवालय के बाहर उन्होंने ‘आउटसोर्स कंपनी ए स्क्वायर’ पर कई आरोप लगाए तो वह धामी सरकार पर भी हमला बोलने से नहीं चूके। कर्नल कोठियाल के चौकीदार के पद पर मिली नियुक्ति का मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसके साथ सियासी गलियारे में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। फिलहाल इस प्राइवेट कंपनी के सहारे राज्य में विधानसभा चुनाव में अपनी सियासी जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी को भाजपा सरकार को घेरने के लिए मौका मिल गया है।
आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है। आम आदमी पार्टी की ओर से उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल मंगलवार को हाथ में लंच बॉक्स और बंदूक लेकर चौकीदार की नौकरी ज्वाइन करने सचिवालय पहुंचे। कर्नल कोठियाल ने बताया कि उन्हें महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग चंपावत में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए उनसे 25 हजार रुपये लिए गए हैं। दरअसल, प्रदेश की आउटसोर्सिंग कंपनियां नियमों को ताक पर रखकर और भ्रष्टाचार को अंजाम देकर नियुक्तियां दे रही हैं, जिससे प्रदेश का बेरोजगार खुद को ठगा महसूस कर रहा है।
यही मामला लेकर आज आम आदमी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल मिठाई का डिब्बा और टिफिन बॉक्स लेकर बेरोजगार युवाओं के साथ सचिवालय पहुंचे। उन्होंने बताया कि उन्हें महिला बाल विकास विभाग के अधीन काम कर रही ए स्क्वॉयर आउटसोर्स एजेंसी ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दी है, इसलिए वो अधिकारियों से मिलना चाहते हैं। हालाँकि पुलिस ने बेरोजगार युवाओं को बाहर ही रोक दिया। जबकि कोठियाल सचिवालय में अपर सचिव से मिलकर करने के लिए भेजा। कोठियाल ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अपर सचिव वीके मिश्रा से मुलाकात की और बताया प्रदेश में आउटसोर्स एजेंसियों के जरिए बेरोजगारों का शोषण किया जा रहा है। अपर सचिव ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी।
सचिवालय से निकलकर कर्नल कोठियाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार की नाक के नीचे इस तरह के कृत्य हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में काबिल युवाओं को नौकरी नहीं दी जा रही है। जबकि आउटसोर्स एजेंसियां घूस लेकर बिना पूरी प्रक्रिया करे ही नौकरियां बांट दे रही है। इसी भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए मेरे नाम पर भूतपूर्व सैनिक के कोटे में नौकरी के लिए आवेदन किया गया था। इस दौरान बिना पूरी प्रक्रिया पर अमल किए घूस लेकर मुझे चंपावत में चौकीदार की नौकरी दे दी गई।
उन्होंने कहा कि उन्हें यह नौकरी ए स्क्वायर एजेंसी को 25 हजार रुपये की घूस देकर मिली है। उन्होंने इस रकम को ऑनलाइन माध्यम से स्वर्गीय श्रीमति निर्मला सिंह सेवा समिति के खाते में जमा किया। 6 अगस्त को उक्त रकम जमा करते ही उन्हें बिना जांच पड़ताल के चम्पावत जिले में नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। उनका वेतन 8475 प्रति माह तय किया गया। कोठियाल ने कहा कि अब जब चौकीदार की नौकरी मिल गई है तो वो युवाओं के हक के लिए चौकीदार बनेंगे। कर्नल कोठियाल ने कहा है कि बेरोजगारों के साथ नौकरी के नाम पर कमीशनखोरी का अवैध पैसा वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को न्याय मिलने तक उनकी यह लड़ाई प्रदेश में जारी रहेगी।