नई दिल्ली : भू-कानून संघर्ष समिति दिल्ली-एनसीआर द्वारा आज गुरुवार को उत्तराखंड सरकार के दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज भू कानून संघर्ष समिति के तत्वाधान में दिल्ली-एनसीआर के सैकड़ों लोग कोटला रोड़ स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए। जहाँ विभिन्न संस्थाओं से जुड़े उत्तराखंड समाज के लोगों द्वारा उत्तराखंड में जमीनों की हो रही खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने एवं पड़ोसी राज्य हिमाचल की तरह उत्तराखंड में भी सख्त कानून बनाए जाने की मांग को लेकर दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया।
इस मौके पर भू-कानून संघर्ष समिति द्वारा उत्तराखंड में सख्त भू-कानून बनाए जाने एवं उसे तुरंत लागू किए जाने की मांग को लेकर स्थानीय आयुक्त के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को निम्नलिखित मांगों के साथ ज्ञापन भेजा गया।
- मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश सरकार द्वारा भू-सुधार कानूनों में संशोधन करके राज्य में भूमि खरीद की असीमित छूट दे दी गई है, जिससे राज्य में भूमिहीन हो रहे हैं स्थानीय नागरिकों में काफी रोष है।
- सरकार द्वारा भूमि खरीद की असीमित छूट दिए जाने से पिछले कुछ वर्षों में बाहरी लोगों द्वारा जमीनों की खरीद-फरोख्त की जा रही है, जिसके कारण प्रदेश की संस्कृति सभ्यता आदि को भारी खतरा होने की आशंका के चलते आज स्थानीय लोग अपनी जमीन की चौकीदारी करने को मजबूर हो रहे हैं।
- उत्तराखंड की सामाजिक सांस्कृतिक एवं मूल अवधारणा को बनाए रखने हेतु संघर्ष समिति उत्तराखंड की जनता की ओर से हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू संरक्षण कानून बनाए जाने की मांग करती है।
इस मौके पर धरना देने वालों में भू कानून संघर्ष समिति के अलावा दिल्ली में कार्यरत उत्तराखंड की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के लोग भी शामिल थे। जिनमे मुख्य रूप से निम्न संस्थाओं ने भाग लिया।
- मातृभूमि सेवा पार्टी,
- देव सेना संगठन,
- उत्तराखंड आवाज मंच,
- उत्तराखंड जनसंपर्क मंडल,
- उत्तराखंड एकता समिति इंदिरापुरम,
- शिक्षा से शिखर तक
- यूथ फ़ॉर यूके
इस मौके पर उत्तराखंड क्रांति दल के उमेश खंडूरी, किसान नेता पुरुषोत्तम शर्मा, कांग्रेस नेता धीरेंद्र प्रताप हरिपाल रावत, आप नेता शशि मोहन कोटनाला, उत्तराखंड के जाने-माने कवि भगवती प्रसाद जुयाल, उत्तराखंड आंदोलनकारी देव सिंह, समाजसेवी अनील कुमार पंत, प्रेमा धोनी, आशा भरारा, करूणा भट्ट, जगत सिंह बिष्ट, रजनी जोशी ढ़ोडियाल, सरिता कठैत, बीना नयाल, दीपिका नयाल, हंसा तिवारी, अजय बिष्ट, दीनदयाल, कुशाल जीना, अनुराग सिंह भरतरी, प्रताप थलवाल, सत्येंद्र रावत, ब्रिजभूषण सेमवाल, किशोर रावत, पंकज शर्मा, मोहन जोशी सहित अनेक प्रवासी उत्तराखंडी मौजूद थे।