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ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा के वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए प्राधिकरण ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्राधिकरण सड़कों के किनारे उड़ने वाले धूल को कम करने के लिए पानी का छिड़काव करा रहा है। इस काम में दो वाटर स्प्रिंकलर और 38 टैंकर लगाए गए हैं। सभी वर्क सर्किल इंजीनियर अपने एरिया में पानी का छिड़काव करते दिखे। उद्यान विभाग ने दो कॉन्ट्रैक्टरों पर जुर्माना भी लगाया।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर एसीईओ दीप चंद्र ने आदेश जारी कर ग्रेटर नोएडा में निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया। डीजल जनरेटर के इस्तेमाल को रोक दिया गया। इन आदेशों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। परियोजना विभाग के सभी इंजीनियर, उद्यान विभाग व जनस्वास्थ्य विभाग की टीम इस काम में लगी हुई है। प्राधिकरण ने सड़कों के किनारे धूल संभावित एरिया में पानी का छिड़काव भी बढ़ा दिया है। इस काम में दो वाटर स्प्रिंकलर व 38 टैंकर लगाए गए हैं। इस काम के लिए एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। सेक्टर ईटा टू, रसूलपुर, ओमीक्रॉन वन व वन ए, सिग्मा फोर आदि जगहों पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एरिया आदि में इन टैंकरों का इस्तेमाल किया गया। मैकेनिकल स्वीपिंग से ग्रेटर नोएडा की प्रमुख सड़कों की सफाई के लिए फेरे भी बढ़ाए गए हैं। वहीं, उद्यान विभाग की तरफ से थ्री एस व चौधरी एंड चौधरी कॉन्ट्रैक्टर पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस रकम को प्राधिकरण के खाते में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। सीईओ नरेंद्र भूषण ने ग्रेटर नोएडावासियों से प्रदूषण को कम करने में सहयोग की अपील की है।