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श्रीनगर गढ़वाल : ‘आखर समिति’ श्रीनगर गढ़वाल द्वारा 19 दिसम्बर 2017 में लोकसाहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. गोविन्द चातक की स्मृति में उनकी जयन्ती पर एक सफल विचार गोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन शुरू किया गया था।  इसके बाद गढ़वाली लोक साहित्य एवं भाषा के क्षेत्र में स्व. डॉ. गोविन्द चातक के भगीरथ योगदान से प्रेरणा लेकर वर्ष 2018 से डॉ. गोविन्द चातक जयन्ती के पर आखर समिति, श्रीनगर गढ़वाल द्वारा ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान’  आयोजन के साथ-साथ चातक परिवार के सहयोग से ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान’ शुरू किया गया था। तब से निरंतर यह सम्मान ‘आखर’ द्वारा प्रदान किया जा रहा है।

गढ़वाली भाषा-साहित्य में अपना अमूल्य योगदान देने हेतु वर्ष-2020 का ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान- वर्ष 2020’ वरिष्ठ गढ़वाली साहित्यकार, हास्य-व्यंग्य के सुप्रसिद्ध गढ़वाली कवि ललित केशवान को डॉ. गोविन्द चातक की जयन्ती के अवसर पर नागापालिका सभागार में दिया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें रुपए ग्यारह हजार (11,000/ ) की नकद धनराशि के साथ अंग वस्त्र, मानपत्र एवं आखर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। ग्यारह हजार रुपए की सम्मान राशि डॉ.चातक के परिवार की ओर से  दी गई।

वरिष्ठ गढ़वाली साहित्यकार ललित केशवान की गढ़वाली में 09 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हिन्दी में भी उनकी 10  पुस्तकें प्रकाशित हैं। दिल्ली में गढ़वाली काव्य गोष्ठीयों की शुरुआत करने में भी उनकी सक्रिय एवं महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान’ कार्यक्रम में वक्ताओं ने लोक साहित्य एवं गढ़वाली भाषा-साहित्य में डॉ. गोविन्द चातक के योगदान को चिरस्मरणीय एवं अतुलनीय बताया। साथ ही विस्तारपूर्वक उनके जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बात रखी गई। साथ ही कहा कि ‘आखर’ द्वारा डॉ. चातक जैसी विभूतियों को याद किया जाना और इस तरह के कार्यक्रम  आयोजित किया जाना प्रशंसनीय है।

मुख्य अतिथि के रूप में लोक एवं साहित्य की गहरी समझ रखने वाले सुप्रसिद्ध शिक्षाविद, हे. न.ब. केन्द्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से अवकाश प्राप्त प्रो.सम्पूर्ण सिंह रावत ने कहा कि ‘डॉ.चातक ने यहाँ के सम्पूर्ण लोक साहित्य को लिपिबद्ध करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने हिंदी साहित्य में समालोचना के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ. चातक की जयन्ती के अवसर पर उन पर केन्द्रित हर वर्ष जो कार्यक्रम ‘ आखर’ द्वारा आयोजित किया जाता है वह एक सराहनीय कार्य है।’  कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में सुप्रसिद्ध लोक संस्कृतिकर्मी, रंगकर्मी प्रो. डीआर पुरोहित ने कहा कि ‘डॉ.चातक ने यहां के लोक साहित्य के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।’

वहीँ प्रसिद्ध मंच संचालक, लोक संस्कृतिकर्मी, गढ़वाली मासिक ‘धाद’ पत्रिका के सम्पादक गणेश खुगसाल ‘गणी’ ने कहा कि ‘जब भी उत्तराखंड के लोक साहित्य का जिक्र होगा तो डॉ. चातक का जिक्र अवश्य होगा।’ उन्होंने डॉ. गोविन्द चातक के जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से अपनी बात रखी. एवं डॉ. गोविन्द चातक के साथ अपने संस्मरण साझा किए।

प्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार, वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती बीना बेंजवाल ने कहा कि गढ़वाली भाषा में भी डॉ.चातक का काम अतुलनीय है। उन्होंने गढ़वाली भाषा साहित्य में डॉ. चातक के योगदान पर अपना वक़्तव्य दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत लोक परम्परानुसार ‘जौ’ से भरे हुए पाथे पर दीप प्रज्वलन के साथ डॉ. गोविन्द चातक के चित्र पर माल्यार्पण/पुष्पांजलि एवं ट्रस्ट की सदस्य कंचन पंवार, अर्चना बिष्ट, अंजलि बिष्ट, श्वेता द्वारा सरस्वती वंदना से हुई। इस मौके पर स्वागत ट्रस्ट के संस्थापक एवं अध्यक्ष संदीप रावत ने मंचासीन अतिथियों का माल्यार्पण एवं बुके देकर किया गया।

इस अवसर पर डॉ. विन्द चातक के परिवार की ओर से उनके पौत्र एवं डॉ. गोविन्द चातक की सुपुत्री श्रीमती सुजाता कण्डारी बिष्ट के सुपुत्र सौरभ बिष्ट, सम्मानित होने वाले ललित केशवान के सुपुत्र पंकज केशवान के अलावा पत्रकार, श्रीनगर के व्यापार सभा अध्यक्ष दिनेश असवाल, प्रदीप बहुगुणा, डॉ. अरुण कुकसाल, देहरादून से प्रसिद्ध साहित्यकार रमाकांत बेंजवाल, देवेश्वर प्रसाद खण्डूड़ी,  प्रसिद्ध समाज सेवी अनिल स्वामी, अजीम प्रेमजी फाउंडेसन के डॉ. प्रदीप अंथवाल, श्रीमती गंगा असनोड़ा थपलियाल, शम्भू प्रसाद स्नेहिल, जेएस  चौहान, गंभीर सिंह रौतेला, कैप्टेन सते सिंह भण्डारी, न्यूज़-18 के संवाददाता, डॉ. गोविन्द चातक के परिवार से गोविन्द सिंह कण्डारी, रघुबीर सिंह कंडारी, डॉ. श्रीकृष्ण उनियाल, डॉ. कविता भट्ट, महेन्द्र बंगवाल, डॉ. अशोक कुमार बडोनी, प्रभाकर बाबुलकर, श्रीमती संगीता डोभाल, श्रीमती उषा बिष्ट, भूपेंद्र सिंह नेगी, ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी श्रीमती लक्ष्मी रावत, श्रीमती ज्योति जैन मेवाड़, श्रीमती अनीता काला, सतीश काला, श्रीमती दीक्षा नेगी, योगेंद्र कांडपाल, डांग व्यापार सभा अध्यक्ष सौरभ पाण्डेय, शिवानी पाण्डेय, शैलेन्द्र तिवाड़ी, श्रीमती अंशी कमल, श्रीमती ज्योति रावत, सहसचिव श्रीमती बविता थपलियाल, कोषाध्यक्ष श्रीमती रेखा चमोली, ट्रस्टी दीवान सिंह मेवाड़, ट्रस्टी श्रीमती अंजना घिल्डियाल, महेंद्र सिंह नेगी, दिवाकर कुकरेती, जसपाल चौहान, सदस्य कंचन पंवार,  श्वेता, अंजलि, अर्चना बिष्ट, शिक्षक-शिक्षिकाओं, साहित्यिक एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र रावत ने किया। ट्रस्टी दीवान सिंह मेवाड़  ने डॉ. गोविन्द चातक का जीवन परिचय सामने रखा। ट्रस्ट की सहसचिव श्रीमती बविता थपलियाल ने सम्मान पत्र का वाचन किया। ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत ने सम्मानित होने वाले ललित केशवान का परिचय सबके सम्मुख रखा।

कार्यक्रम में डॉ. अशोक कुमार बडोनी ने दस निर्धन छात्रों हेतु अपने बेटे की स्मृति में आखर ट्रस्ट को दस स्वेटर दान दिए। ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत ने ‘ डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान -वर्ष 2021 ‘ गढ़ गौरव नरेंद्र सिंह नेगी को प्रदान करने की घोषणा की। साथ ही कहा कि- इस कार्यक्रम मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड की महान विभूति डॉ. गोविन्द चातक की जयन्ती के अवसर पर गढ़वाली भाषा-साहित्य एवं लोक साहित्य में उनके योगदान से सभी को परिचित करवाने के साथ जो यहाँ वरिष्ठ साहित्यकार हैं और जो गढ़वाली भाषा-साहित्य में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं उनका परिचय सभी के सम्मुख रखना एवं ट्रस्ट द्वारा ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘से सम्मानित करना है। आखर चैरिटेबल ट्रस्ट बहुत गम्भीरता से इस दिशा में काम करने का प्रयास कर रहा है और जो आज भी डॉ.चातक जैसे साहित्य साधक हैं उन्हें याद करने, उनके कार्यों को उजागर करने एवं उन्हें सम्मानित करने का प्रयास कर रहा है।

‘आखर चैरिटेबल ट्रस्ट’ के संस्थापक/अध्यक्ष संदीप रावत ने अंत में कार्यक्रम में उपस्थित श्रीनगर की जनता, मीडिया जगत के साथ ही अपने सभी सम्मानित ट्रस्टियों का आभार व्यक्त किया।