राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा से जुड़े 80 हजार कर्मचारियों की निगाहें इस बार सभी राजनीति का पार्टियों के घोषणा पत्र पर टिकी हुई है। जिसके बाद मोर्चे से जुड़े कर्मचारी अपना समर्थन किसी पार्टी विशेष को दे सकते हैं। पुरानी पेंशन वाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि वे पिछले लंबे समय से अपनी 1 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए कभी वृक्षारोपण किया तो कभी एक दीपक पुरानी पेंशन के नाम कार्यक्रम आयोजित किया।
उन्होंने कहा कि उनके संगठन द्वारा दर्जनों कार्यक्रम सरकार का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए किए गए। मगर सरकार द्वारा उन्हें केवल आश्वासन दिया गया। जिससे ये सभी कर्मचारी आक्रोशित है। उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने फैसला लिया है कि जो भी पार्टी उनकी मांगों को अपने घोषणापत्र पर शामिल करती है व सरकार बनने के बाद उसमें अमलीजामा पहनाती है उनका संगठन पूर्ण रूप से उस पार्टी को समर्थन करेगा।
वही मोर्चा के मंडल संयोजक जसपाल रावत ने कहा कि उनके संगठन को राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा केवल आश्वासन ही दिया गया है जबकि धरातल पर कुछ भी काम दोनों ही राष्ट्रीय पार्टी की ओर से नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके कारण उनका संगठन घोषणा पत्र पर अपनी निगाहें टिकाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि अगर पार्टियो द्वारा घोषणा पत्र में उनकी एक सूत्रीया मांग को नहीं रखा जाता है तो इसके परिणाम पार्टियों को भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।