निपुण भारत मिशन के अंतर्गत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव पौड़ी गढ़वाल द्वारा जनपद के चार विकासखंडों में प्रारम्भिक भाषा और गणित विषय इस सत्र में चार संकुलों स्कूलों में अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग लगातार शैक्षिक उन्नयन हेतु कार्य किया गया।
अभियान में 26 तारीख को जयहरीखाल के बरस्वार संकुल, 28 तारीख को पौड़ी विकासखंड के चरधार संकुल तथा 29 मार्च 2022 को खिर्सू के भट्टीसेरा संकुल के समस्त विद्यालयों का बाल मेला राजकीय प्राथमिक विद्यालय दिखोल्यू परिसर में आयोजित हुआ।
बच्चे कैसे सीखते हैं यह सवाल हमेशा ही महत्वपूर्ण और जिज्ञासा भरा रहा है। इसका कोई एक उत्तर हो मुमकिन नही लगता। फिर भी एक बात तो यह लगती है है कि बच्चे सबसे अधिक किसी काम को करते करते अनुभवों से सीखते हैं। बाल शोध मेला अर्थात बच्चों के द्वारा की गई खोज को एक मेले का आयोजन कर प्रस्तुत करना जिससे बच्चों में आधारभूत क्षमताओं का विकास होता हैं। बच्चे प्रश्नों का निर्माण कर अपने घर गांव पड़ोस और लोगों से बातचीत कर एक क्रमबद्ध तरीके से इस प्रक्रिया को संकलित करते हैं। जिससे उनका जुड़ाव बाहरी ज्ञान से होता है और वे रटन्त प्रणाली से बाहर आते हैं।
आज संकुल भट्टी सेरा विकास खंड खिर्सू पौड़ी मे बाल शोध मेले का आयोजन कर एक पड़ाव पूरा किया गया। इस मेले का शुभारंभ इस अभियान के संचालक डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ एन पी उनियाल जी, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के पौड़ी के प्रभारी अशोक काण्डपाल , प्रदीप अथ्वाल जी बीआरसी समन्वयक मुकेश काला, सी आर सी खिर्सू का प्रभार संभाले महेश गिरि जी, प्रभारी प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कालेज दिखोल्यू मातबर सिंह कुंवर संकुल समन्वयक भट्टी सेरा अजय प्रकाश के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
बाल मेले का शुभारंभ रा प्रा वि दिखोल्यू के बच्चों के द्वारा सरस्वती वंदना कर सभी का स्वागत किया गया। तथा राजकीय प्राथमिक विद्यालय जयकोट खाल ,लगाल्यू बगंड व दिखोल्यू के बच्चों ने लोकगीत नाटकों के माध्यम से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। बच्चों ने मेले में अपने स्टाल लगाकर अपने अपने शोध प्रस्तुत किए। बच्चों मे गजब का उत्साह था और लग रहा था कि स्वयं करके उनके अन्दर निश्चित ही विषय वस्तु को समझने की क्षमता विकसित हुई है। निपुण भारत मिशन के तहत संकुल भट्टी सेरा के अन्तर्गत सभी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा भाषा व गणित विषय पर आधारित स्टाल लगाकर विषय की समझ को अपने साथियों के साथ साझा किया ।
राप्रावि भट्टीसेरा, जयकोटखाल, कफोली, लगाल्यूबगड, सौड गजेली, दिखोल्यू, कलियासौड, मरोड़ा व काण्डईखाल इन विद्यालयों के स्टाल प्रभावी रहे।
उपस्थित अतिथियों व समुदाय द्वारा बच्चों से उनके शोध के विषय पर सवाल जबाव किये गये जिन्हें बच्चों ने शानदार तरीके से प्रस्तुत किया।
उनियाल का कहना था कि इस विधा का प्रयोग कर बच्चों में समझने की क्षमता का विकास हुआ है। साथ ही स्थानीय संसाधनों की जानकारी एकत्रित करते हुए गणित में टैली चिन्ह और सारणी बनाना तथा बार चार्ट पर आंकड़ों को दर्शाना की समझ बनाना। इन संबोध को सरलता से बच्चों को कैसे समझाया जाय इसके लिए बच्चों को स्वतन्त्र रुप से प्रश्नों को बनाने के लिए कहा गया। यहीं से उनका चिंतन शुरू हो गया था और स्वयं बच्चों के द्वारा सर्वेक्षण प्रपत्र तैयार कर उन्हें गांव के लोगों से जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी दी गई। मकसद ये नहीं था कि हमें आंकड़ों की आवश्यकता है मकसद था प्रकिया को समझकर संबोध तक जाना। बच्चे आंकड़े लाये और सारणी बनाकर उन आंकड़ों को टैली चिन्ह और बार चार्ट पर दिखाने लगे। जो काम उन्होंने अनुभव से किया था उसको करने मे उनमें आत्मविश्वास दिखाई दे रहा था।
आयोजन की अध्यक्षता प्रधानाध्यापिका राजकीय प्राथमिक दिखोल्यू श्रीमती अनिता बिष्ट व संचालन श्रीमती यशोदा पोखरियाल ने किया। आयोजन में सिम्मी चमोली,रेनू भट्ट अनिता गुंसाई बृजमोहन मेवाड़,रंजनीकांत,पुष्पा मेवाड़, वंदना उनियाल,कुसुम काला, राकेश रतुडी, विकास बड़थ्वाल,आयुषी जैन, लक्ष्मी देवी,सुमनी देवी, मुन्नी देवी,नीता देवी,सुमन देवी, ज्योतिआदि उपस्थित रहे।
प्रभारी समन्वयक संकुल भट्टी सेरा अजय प्रकाश व श्रीमती अनिता बिष्ट ने सभी अभिभावकों अतिथियों व बच्चों का आभार प्रकट किया।



