टीचर एडुकेटर फोरम के प्रांतीय आवाहन पर शिक्षक प्रशिक्षकों के पृथक कैडर की नियमावली शीघ्र प्रख्यापित किये जाने हेतु उत्तराखण्ड प्रदेश के समस्त जिलों में शिक्षक प्रशिक्षकों द्वारा आज काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2012 से वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तक जारी किए गए विभिन्न दिशा निर्देशों व शासनादेशों में, शिक्षक प्रशिक्षण संवर्ग गठन को आवश्यक व अनिवार्य मानते हुए इसके शीघ्र गठन के लिए राज्य सरकार को निर्देशित किया गया है।
इन निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड राज्य द्वारा 2013 में शिक्षक प्रशिक्षण संवर्ग का शासनादेश निर्गत किया गया लेकिन शासन एवं विभाग की टालमटोली एवं लापरवाही , निजी स्वार्थ व देहरादून में जमे रहने की प्रवृति के कारण इसकी नियमावली को वर्तमान तक प्रख्यापित नहीं किया जा सका है।
नियमावली प्रख्यापित न होने के बावजूद भी केंद्र पुरोनिधानित शिक्षा के अंतर्गत बजट प्राप्त करने के लिए वास्तविक तथ्यों को छुपाकर केंद्र से प्रतिबर्ष करोड़ों रूपये का बजट प्राप्त किया जा रहा है। जिसके भविष्य में घातक परिणाम हो सकते हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा भी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में निर्धारित मानकानुसार एवं शिक्षक प्रशिक्षण के लिए निर्धारित योग्यताधारी अभ्यर्थियों को नियुक्त करने के लिए निर्देशित किया जाता है ।
राज्य में समय-समय पर विज्ञापन प्रकाशित कर निर्धारित योग्यताधारी शिक्षकों का चयन के माध्यम से इन संस्थानों में पदस्थापन तो किया गया किन्तु संवर्ग की नियमावली प्रख्यापित न होने के लाभ लेकर उच्च स्तर से संदर्भित व्यक्तियों को भी इन संस्थानों में स्थानांतरित किया जा रहा है। जिससे इन संस्थानों में पूर्व से कार्य कर रहे निर्धारित योग्यताधारी उच्च प्रशिक्षित शिक्षक भी अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
सुगम संस्थानों में ही स्थानान्तरण व पदस्थापन होने से दूरस्थ डायटों में कार्मिकों का लगातार अभाव बना हुआ है। सुगम स्थान की की डायटों में उच्च संदर्भित व्यक्तियों को बिना चयन प्रक्रिया के ही पदस्थापित किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री द्वारा पृथक कैडर बनाने की बात लगातार कही जा रही है।
केंद्र सरकार द्वारा शिक्षक प्रशिक्षको की क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यशालाओं पर विगत 15 वर्षों में करोड़ों रुपया ब्यय किया जा चुका है। ठोस नियमावली के अभाव में वर्तमान में खुली विज्ञप्ति के माध्यम से चयनित शिक्षक प्रशिक्षकों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उपरोक्त समस्याओं के शीघ्र निराकरण हेतु टीचर एजुकेटर फोरम का प्रतिनिधिमंडल माननीय मुख्य मंत्री, शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा सचिव से टीईएफ के अध्यक्ष डॉ. प्रेम सिंह मावडी के नेतृत्व में मिला एवम मांग की गई कि शीघ्रताशीघ्र नियमावली प्रख्यापित कर इन संस्थानों के लिए पूर्ण योग्यता रखने वाले शिक्षक प्रशिक्षकों को समायोजित करते हुए खाली पड़े पदों पर खुली विज्ञप्ति के माध्यम से शीघ्र भर्ती की जाय।लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही धरातल पर न आ सकी। जिस कारण शिक्षक प्रशिक्षकों में भारी रोष है।
डॉ नारायण प्रसाद उनियाल, डॉ अरविन्द, डॉ जगमोहन सिंह पुण्डीर, विमल प्रकाश ममगांई आदि शिक्षक प्रशिक्षक उपस्थित थे।