rainbow circle was seen around the sun

देहरादून: आज सुबह करीब 11:00 बजे आसमान में सूर्य के चारों तरफ अद्भुत इंद्रधनुषी छटा देखने को मिली। जिसकी शोभा देखते ही बन रही थी। देहरादून के लोगों इसे अपने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर शेयर किया। इसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वैज्ञानिक भाषा में इस घटना को सन हेलो (Sun Halo) कहा जाता है।

दरअसल सूर्य के किनारे बनने वाले सतरंगी छल्ले को सन हेलो कहा जाता है जो कि साधारण और वायुमंडलीय घटना है। जब सूरज धरती से 22 डिग्री के ऐंगल पर होता है तो आसमान में सिरस क्लाउड (ऐसे बादल जिनकी परत काफी पतली हो) की वजह से यह रिंग बन जाती है। लोगों ने बड़ी उत्सुकता पूर्वक इसको जानने का प्रयास किया।

वहीँ इस बारे में जब उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल से पूछा गया कि सौर मंडल में इस घटना का क्या तात्पर्य है। तो डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि आज कर्क लग्न में सूर्य उदय हुआ तो सूर्य और बुध की युति एक साथ होने से बुधादित्य योग बना। जो ज्योतिष में बहुत बड़ा योग है। ठीक 9:50 बजे से कन्या लग्न प्रारंभ हुआ। तो सूर्य और बुध की युति 11वें स्थान में बनी और बुद्ध ने चंद्रमा की स्वामित्व वाली कर्क राशि के अधीन अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश किया। जबकि चंद्रमा स्वयं आज वृष राशि और अपने सबसे प्रिय रोहिणी नक्षत्र पर भ्रमण कर रहे हैं।

आचार्य घिल्डियाल ने इसकी व्याख्या करते हुए बताया कि सौरमंडल में पराबैंगनी स्पेक्ट्रम के लिए जिम्मेदार बुद्ध, शुक्र और चंद्रमा की इस प्रकार की स्थिति सूर्य के नजदीक बनने से और नक्षत्रों का भी इस प्रकार का संयोग बैठा, जिससे यह पराबैंगनी विकिरण की घटना घटित हुई। उन्होंने यह भी कहा कि यदि बरसात का मौसम ना होता और इस प्रकार की ग्रह स्थिति बनती तो तब भी इस प्रकार का नजारा देखने को नहीं मिल सकता था। वायुमंडल में नमी और सौरमंडल में इस प्रकार की स्थिति के एक साथ होने से यह स्थिति देखने को मिली है।

डॉक्टर चंडी प्रसाद ने कहा कि आज जिन लोगों ने भगवान विष्णु के उपेंद्र रूप का पूजन और स्तवन भगवान सूर्य और भगवान शिव के साथ किया होगा उनको अभीष्ट फल की शीघ्र प्राप्ति होगी।